आरबीआई की चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक के बाद वित्त वर्ष 2025-26 की पहली द्विमासिक ऋण नीति की बुधवार को घोषणा की।
इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
* प्रमुख ब्याज दर (रेपो) को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया। रेपो दर में लगातार दूसरी बार चौथाई प्रतिशत की कटौती की गई।
* छह सदस्यीय एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो दर में कटौती का फैसला किया।
* मौद्रिक रुख को ‘तटस्थ’ से ‘उदार’ किया गया, जिसका अर्थ है कि एमपीसी केवल दो विकल्पों पर विचार करेगी ….यथास्थिति या दर में कटौती ।
* वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत किया गया।
* भारतीय अर्थव्यवस्था ने मूल्य स्थिरता, सतत वृद्धि के लक्ष्यों की ओर लगातार प्रगति की है।
* आरबीआई का कहना है कि व्यापार शुल्क संबंधी उपायों ने अनिश्चितताओं को और बढ़ा दिया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक परिदृश्य पर असर पड़ रहा है।
* वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत किया गया।
* आरबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को ‘ग्राहकों से दुकानदारों’ को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये लेनदेन की सीमा में बदलाव करने की अनुमति देने का निर्णय किया।
* आरबीआई ने सोने के आभूषणों के बदले कर्ज देने के दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा।
* केंद्रीय बैंक ने सह-ऋण देने के दायरे का विस्तार करने और सामान्य विनियामक ढांचा जारी करने का प्रस्ताव किया।
* एमपीसी की 54वीं बैठक की पूर्ण जानकारी 23 अप्रैल को प्रकाशित की जाएगी।
* एमपीसी की अगली बैठक चार से छह जून, 2025 को होगी।