माल्या का पासपोर्ट निलंबित, वारंट के लिए अदालत गई ईडी
करीब 9,400 करोड़ रूपए के कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक माल्या की मुश्किलें और बढ़ाते हुए ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए बनी मुंबई की एक विशेष अदालत का रूख किया और 900 करोड़ के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में उद्योगपति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग की। पिछले करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से ब्रिटेन में रह रहे और ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर चुके माल्या का राजनयिक पासपोर्ट ईडी की सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने निलंबित कर दिया। मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, विदेश मंत्रालय में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों ने आज ईडी की सलाह पर विजय माल्या के राजनयिक पासपोर्ट की वैधता चार हफ्तों के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10-ए के तहत यह कार्रवाई की गई है।
प्रवक्ता ने बताया, माल्या को एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10 (3)सी के तहत उनका पासपोर्ट क्यों न जब्त कर लिया जाए या क्यों न रद्द कर दिया जाए। यदि वह इस समयसीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और फिर विदेश मंत्रालय रद्द करने की कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ेगा। संसद सदस्य होने के नाते राजनयिक पासपोर्ट धारक माल्या ने दो मार्च को भारत छोड़ा था। माल्या को कर्ज देने वाले 13 बैंकों के समूह ने दो मार्च को ही डेट रिकवरी टिब्यूनल (डीआरटी) का रूख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।