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22 January 2020

मोदी सरकार को एक और झटका, IMF के बाद अब इंडिया रेटिंग्स ने घटाया जीडीपी ग्रोथ अनुमान

File Photo

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बाद अब एक और रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (फिच समूह) ने इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रोथ सिर्फ 5.5% होने का अनुमान लगाया है। हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 4.8 और भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 5 फीसदी के अनुमान से काफी ज्यादा है।

फिच समूह की इस रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कम खपत और कम निवेश मांग के दौर में फंस गई अर्थव्यवस्था पहले एजेंसी को लगता था कि इस वित्त वर्ष में कुछ सुधार होगा, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था कम खपत और कम निवेश मांग के दौर में फंस गई है। 2018-19 में विकास दर 6.8 फीसदी रही थी यानी इसमें करीब 1.8 फीसदी की गिरावट है। विश्व की सभी रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटा दिया है। 

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के इकोनॉमिस्ट सुनील सिन्हा ने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2021 में कुछ सुधार होगा, लेकिन जोखिम बना हुआ है जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था कम खपत और कमजोर मांग के चक्र में फंसती दिख रही है।'

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इससे पहले आईएमएफ ने जीडीपी ग्रोथ पर दिया है झटका

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के लिए चालू वित्त वर्ष के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है। भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है। इसके पहले आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में 6.1 फीसदी बढ़त होने का अनुमान जारी किया था. जबकि एक साल पहले इसी अवधि में आईएमएफ ने 7.5 फीसदी का अनुमान जताया था।

मूडीज की रेटिंग

मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर के 4.6 फीसदी रहने की संभावना जताई है। वहीं, 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी और 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान जताया है।

जुलाई-सितंबर में 4.5 फीसदी थी विकास दर

जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है।

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TAGS: Marginal uptick, in GDP, FY21, 5.5 pc, downside risks, remain, Ind-Ra
OUTLOOK 22 January, 2020
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