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19 July 2018

अगस्त तक RBI जारी करेगा 100 रुपये का नया नोट, जानिए पुराने नोट का क्या होगा

ANI

अगस्त महीने में भारतीय रिजर्व बैंक 100 रुपये का नया नोट जारी करने जा रहा है। नए नोट का रंग बैंगनी होगा और इस पर वैश्विक धरोहर में शामिल गुजरात की ऐतिहासिक रानी की बाव (बावड़ी) की झलक देखने को मिलेगी। यह बावड़ी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है। आकार में यह पुराने 100 के नोट से छोटा व 10 के नोट से मामूली बड़ा होगा।

नए नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर बीच में लगी हुई है। वहीं, नोट के दाईं ओर अशोक स्तम्भ बना हुआ है। इसके अलावा आरबीआई का गारंटी देने वाला बयान महात्मा गांधी की तस्वीर के बगल में दिया गया है।

आरबीआई ने नए 100 रुपये के साइज में भी बदलाव किया है। नोट पिछले नोट के मुकाबले थोड़ा छोटा होगा। पिछला 100 रुपये का नोट 73 mm*157mm के साइज का था, जबकि अब नया नोट 66mm * 142 mm का कर दिया गया है।

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यहां देखें 100 रुपये का नया नोट-

 

पुराने नोट का क्या होगा?

नए नोट जारी होने के बाद भी पुराने नोट प्रचलन में बने रहेंगे। सौ के नए नोटों की छपाई बैंक नोट प्रेस देवास में शुरू हो चुकी है। नोट के नए डिजाइन को अंतिम रूप मैसूर की उसी प्रिंटिंग प्रेस में दिया गया, जहां 2000 के नोट छापे जाते हैं। इस बार एक बड़ा बदलाव यह भी किया गया है कि नए नोट की छपाई में स्वदेशी स्याही और कागज का ही उपयोग होगा।

नए नोट आकार के साथ वजन में भी कम होंगे

नए नोट आकार के साथ वजन में भी कम होंगे। जहां पुराने 100 के नोटों की एक गड्डी का वजन 108 ग्राम था, वहीं साइज छोटा होने से 100 की गड्डी का वजन अब 80 ग्राम के आसपास होगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मुहर के बाद देवास बैंक नोट प्रेस में प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है। आरबीआई अगस्त तक इन्हें जारी कर सकता है।

एटीएम में करना होगा बदलाव

बैंकों को अपने एटीएम के केस ट्रेन में एक बार फिर बदलाव करने होंगे, ताकि 100 के नए नोट रखे जा सकें। 2014 में केंद्र में नई सरकार के आने के बाद यह चौथा मौका होगा, जब बैंकों को एटीएम में बदलाव करना पड़ा है। इसके पहले 2000, 500 और 200 के नए नोटों के लिए बदलाव करने पड़े थे।

यूनेस्को की सूची में शामिल है रानी की बाव

गुजरात के पाटण स्थित रानी की बाव (बावड़ी) को यूनेस्को ने 2014 में विश्व विरासत स्थल में शामिल किया था। इस बावड़ी को साल 1063 में गुजरात के शासक भीमदेव सोलंकी प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयमती ने बनवाया था। पिछली शताब्दी में पुरातत्व विभाग द्वारा इसे खोजें जाने के पहले लगभग 700 साल तक यह बावड़ी सरस्वती नदी की गाद में दबी रही। यूनेस्को ने इसे भारत की बावड़ियों में सभी बावड़ियों की रानी का खिताब भी दिया है।

पहले नोट में छप चुके हैं ये स्थल

इसके पहले 200 के नोट पर म.प्र. का सांची, 500 के नोट पर दिल्ली का लाल किला, 50 के नए नोट के पीछे कर्नाटक का हंफी और 10 रुपए के नए नोट पर कोणार्क का सूर्य मंदिर छापा जा चुका है।

 

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TAGS: Reserve Bank of India, will shortly issue, Rs 100 denomination banknotes, Mahatma Gandhi (New) Series
OUTLOOK 19 July, 2018
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