जेन स्ट्रीट पर SEBI का शिकंजा: भारतीय बाजार में हेरफेर से 36,500 करोड़ की कमाई, 4,843 करोड़ जब्त
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप पर भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर का आरोप लगाते हुए कड़ा कदम उठाया। 3 जुलाई 2025 को SEBI ने जेन स्ट्रीट और इसकी तीन सहायक कंपनियों—JSI इनवेस्टमेंट्स, जेन स्ट्रीट सिंगापुर, और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग—को भारतीय प्रतिभूति बाजार में कारोबार से रोक दिया। साथ ही, 4,843 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया।
SEBI की जांच में पाया गया कि जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी और निफ्टी 50 इंडेक्स में हेरफेर किया। फर्म ने हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग और पंप-एंड-डंप रणनीति का इस्तेमाल किया। सुबह के सत्र में बैंक निफ्टी के शेयरों और फ्यूचर्स में भारी खरीदारी कर इंडेक्स को ऊपर चढ़ाया, फिर दोपहर बाद बिकवाली कर इसे नीचे गिराया। इससे इंडेक्स ऑप्शंस में 43,289 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जबकि स्टॉक फ्यूचर्स में 7,208 करोड़, इंडेक्स फ्यूचर्स में 191 करोड़ और कैश मार्केट में 288 करोड़ का नुकसान उठाया। कुल मिलाकर, 36,671 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
उदाहरण के तौर पर, 17 जनवरी 2024 को जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी के शेयरों में 4,370 करोड़ की खरीदारी की और 32,115 करोड़ के ऑप्शंस बेचे, जिससे उस दिन 734 करोड़ का मुनाफा हुआ। SEBI ने इसे 21 अवसरों पर दोहराया गया “इंट्राडे इंडेक्स मैनिपुलेशन” और “एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज” रणनीति बताया।
फरवरी 2025 में NSE ने जेन स्ट्रीट को चेतावनी दी थी, लेकिन फर्म ने मई 2025 में फिर हेरफेर शुरू किया। SEBI ने इसे PFUTP नियमों का उल्लंघन माना। अब जेन स्ट्रीट के बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज है और उसे तीन महीने में पोजिशन बंद करने को कहा गया है। जेन स्ट्रीट ने SEBI के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह नियमों का पालन करती है। यह भारत में किसी विदेशी फर्म पर SEBI की सबसे बड़ी कार्रवाई है।