घरेलू, विदेशी चिंताओं में घिरे शेयर बाजार, सेंसेक्स 2000 अंक, निफ्टी 566 अंक लुढ़का
घरेलू और विदेशी मोर्चे पर चिंताओं के चलते घरेलू शेयर बाजारों में सप्ताह के पहले दिन भारी गिराटव का रुख रहा। शाम को कारोबार बंद होने तक सेंसेक्स 2002.27 अंक गिरकर 31,715.35 के स्तर पर रह गया। निफ्टी में भी 566.40 अंकों की भारी भरकम गिरावट रही और इसका आंकड़ा 9293.50 पर टिक गया।
गिरावट की मुख्य वजहें
बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता की वजह अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। पहले से ही कारोबारी तनाव के कारण दुनिया की इन दोनों सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थों का असर माहौल पर दिखाई दे रहा था। अब कोरोना को लेकर अमेरिका के तीखे तेवरों के चलते फिर से तनाव बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा घरेलू स्तर पर सरकार ने लॉकडाउन की अवधि दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। इससे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की मुश्किल और गंभीर हो गई है। कई रियायतों के बावजूद अनगिनत प्रतिबंधों के चलते अभी अर्थव्यवस्था की सामान्य गतिविधियों की उम्मीद नहीं है। कंपनियों के वित्तीय नतीजे भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रहे हैं। इन चिंताओं की वजह से घरेलू बाजारों में कारोबार की शुरूआत से ही निवेशकों की बिकवाली का दबाव रहा। इसके कारण सप्ताह के पहले दन ही बीएसई सेंसेक्स 2000 अंक लुढ़क गया। एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ बैंक, टीसीएस और इन्फोसिस में ज्यादा गिरावट रही।
रिलायंस का मुनाफा 37 फीसदी गिरा
रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक फीसदी से ज्यादा गिरावट है। कंपनी के तिमाही मुनाफे में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। रिलायंस का मुनाफा 37 फीसदी गिरकर 6546 करोड़ रुपये रह गया। इस बीच दुनिया के सबसे बड़े टेक्निकल इन्वेस्टर सिल्वर लेक ने रिलायंस जियो की होल्डिंग कंपनी जियो प्लेटफार्म्स की 1.15 फीसदी इक्विटी 5655.75 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है।
विदेशी बाजारों में सुस्ती
पिछले सप्ताह गुरुवार को विदेशी पोर्टफोलिया इन्वेस्टर्स ने शुद्ध रूप से 1968.80 करोड़ रुपये की खरीद की। हालांकि विदेशी बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजारों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। हांगकांग और सियोल के स्टॉक मार्केट गिरावट के साथ खुले जबकि टोक्यो और शंघाई के बाजारों में आज अवकाश है।
रुपया गिरा, क्रूड स्थिर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल 26.41 डॉलर प्रति बैरल पर फ्लैट रहा। कोरोना संकट के कारण दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की मांग घटने के कारण कच्चे तेल पर दबाव बना हुआ है। भारतीय करेंसी मार्केट में अमेरिकी डॉलर के मुकाबला रुपया 64 पैसे गिरकर 75.73 के स्तर पर आ गया।