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04 October 2018

806 अंकों की भारी गिरावट के साथ 35,169 के स्तर पर बंद हुआ शेयर बाजार

File Photo

दिनभर के कारोबार के बाद गुरुवार को शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। शुरुआती कारोबार के साथ आज दिनभर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। गिरावट के इस माहौल में कारोबार के अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का तीस शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 806.47 अंक यानी 2.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,169.16 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पचास शेयरों वाले निफ्टी पर भी कारोबार की समाप्ति पर गिरावट हावी रही और ये 259.00 अंक यानि 2.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,599.25 के स्तर पर बंद हुआ।

आज लगातार जारी रहा गिरावट का दौर

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इससे पहले दोपहर में सेंसेक्स को 809.42 अंकों की गिरावट के साथ 35,166.21 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया है। वहीं, निफ्टी भी 238.70 अंक गिरकर 10,619.35 के स्तर पर लुढ़क गया था। कारोबार की शुरुआत के कुछ मिनटों के भीतर ही सेंसेक्स 600 से ज्यादा लुढ़क गया तो निफ्टी में भी 194.6 अंकों की गिरावट आई। सेंसेक्स 35,341.68 और निफ्टी 10,663.65 पर खुला था। सेंसेक्स बुधवार को 550 अंक टूटकर बंद हुआ था।

मिडकैप और स्मॉलकैप भी गिरावट

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.88 फीसदी जबकि निफ्टी का मिडकैप 100 इंडेक्स 1.93 फीसदी गिरा है। बीएसई के स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.19 फीसदी की गिरावट आई है।

जानें किन शेयरों में तेजी, किनमें गिरावट

कारोबार के दौरान दिग्गज शेयरों में एलएंडटी, वेदांता, टाटा स्टील, विप्रो, टाटा मोटर्स और आईटीसी में बढ़त है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, हीरो मोटोकॉर्प, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस, एबसीआई, एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, एचयूएल गिरा है।

शेयर बाजार, रुपये में जारी गिरावट और तेल की बढ़ती कीमतों के पीछे क्या है वजह

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें

गिरते रुपये के बाद दूसरी बड़ी चुनौती कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बाजार के सामने खड़ी की है। अमेरिका की तरफ से अगले महीने ईरान पर सैंक्शन लगाया जाना है। इससे पहले एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतें आसमान पर पहुंचने लगी हैं। बुधवार को ब्रेंट क्रूड 4 साल के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को यह $86.74 प्रति बैरल पर पहुंच चुका है।

भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। यह दुनिया के तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू अर्थव्यवस्था पर दिखना लाजमी है।

बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी

इक्व‍िटी मार्केट ज्यादातर बॉन्ड यील्ड्स बढ़ने पर बेहतर प्रतिक्रिया नहीं देता है। यही वजह है कि बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी के चलते शेयर बाजार भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है। भारत का 10 साल का बॉन्ड यील्ड फिलहाल 8.18 फीसदी के ऊपर है।

विदेशी निवेशक निकाल रहे पैसे

विदेशी निवेशकों ने सितंबर महीने में कैपिटल मार्केट से 21 हजार करोड़ रुपये निकाले हैं। पिछले चार महीने के दौरान यह सबसे ज्यादा आउटफ्लो था। वैश्व‍िक स्तर पर व्यापार को लेकर खड़ी हुई चिंताएं और बढ़ते चालू खाता घाटे ने भी इन निवेशकों को अपना पैसा बाहर निकालने पर मजबूर किया है।

जब भी भारतीय बाजारों से बाहर पैसा निकाला जाता है, तो इससे रुपये की वैल्यू घटती है। क्योंकि इसकी वजह से डॉलर की डिमांड बढ़ जाती है। इसका सीधा असर मार्केट सेंटीमेंट पर पड़ता है।

वैश्व‍िक कारण

एशियाई बाजार में भी कमजोरी दिख रही है। ब्रोकर्स का कहना है कि ज्यादातर एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। यूएस के बेहतर बॉन्ड यील्ड और सकारात्मक इकोनॉमिक डेटा के चलते यह आशंका पैदा हो गई है कि निवेशक अमेरिका में अपना निवेश ले जाएंगे। इससे भी मार्केट सेंटीमेंट काफी कमजोर हो रहे हैं।

 

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OUTLOOK 04 October, 2018
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