बजट में ये 10 शब्द बार-बार होते हैं इस्तेमाल, आसान शब्दों में समझें इनका मतलब
केंद्रीय बजट 2024 आज यानी 23 जुलाई 2024 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री सीतारमण का बजट 2024 भाषण संभवतः सुबह 11:00 बजे शुरू होगा. बजट 2024 से मुख्य उम्मीद यह है कि यह बुनियादी ढांचा क्षेत्र और गति शक्ति योजनाओं को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय आवंटन जारी रखेगा. ऐसे में आइये जान लेते हैं कुछ ऐसे 10 टर्म जिनका इस्तेमाल बजट में बार-बार होगा.
एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट
एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए रिसिप्ट और एक्सपेंडिचर का जानकारी देता है. संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत, सरकार हर साल बजट में एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट तैयार करती है.
बजट इस्टीमेट
ये बजट भाषण के दौरान विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित धनराशि हैं. वित्त वर्ष में सरकार कितना अनुमानित खर्चा करेगी ये इसको दर्शाता है.
करेंट अकाउंट डेफिसिट
किसी देश के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात और आयात के बीच के अंतर को करेंट अकाउंट डेफिसिट कहते हैं.
डाइवेस्टमेंट
डाइवेस्टमेंट का मतलब है सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी या राज्य के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी बेचना. आसान शब्दों में जब किसी पब्लिक कंपनी में से सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचती है तो उसे डाइवेस्टमेंट कहते हैं. सरकार अधिक राजस्व जुटाने के लिए विनिवेश का रास्ता अपनाती है.
फाइनेंस बिल
इस विधेयक में नए कर लगाने, मौजूदा कर ढांचे में बदलाव करने या मौजूदा कर ढांचे को जारी रखने के लिए सरकार के प्रस्ताव संसद के समक्ष रखे गए हैं. इस विधेयक में डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट टैक्स में प्रस्तावित संशोधन शामिल हैं.
डायरेक्ट टैक्स
ये टैक्स सीधे करदाताओं पर लगाए जाते हैं. इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स और कॉपरेशन आदि डायरेक्ट टैक्स के श्रेणी में आते हैं.
इन-डायरेक्ट टैक्स
इन-डायरेक्ट टैक्स एक प्रकार का ऐसा टैक्स है जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है. इस मामले में, टैक्स का भुगतान करने वाला व्यक्ति और जिस व्यक्ति पर कर लगाया जाता है, वे अलग-अलग होते हैं. अप्रत्यक्ष करों के उदाहरणों में जीएसटी, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क शामिल हैं.
जीडीपी
यह एक साल में किसी अर्थव्यवस्था में तैयार सभी प्रोडक्ट और सेवाओं का बाजार मूल्य है. प्रति व्यक्ति जीडीपी किसी देश में लोगों की जीवनशैली का पैमाना माना जाता है.
इन्फ्लेशन
इन्फ्लेशन से तात्पर्य उस दर से है जिस पर किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कुल लागत बढ़ रही है. इसे आम भाषा में महंगाई भी कहा जाता है.
कंटीजेंसी फंड
यह किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए अलग रखी जाती है और राष्ट्रपति के नियंत्रण में होती है. संसद की पूर्व स्वीकृति के बाद इस निधि से निकाली गई कोई भी राशि बाद में कंसोलिडेटेड फंड से चुकाई जाती है.