Advertisement
15 March 2023

अक्षय कुमार की फिल्म धड़कन से जुड़े रोचक तथ्य

राजा हिन्दुस्तानी की कामायाबी से छाए निर्देशक धर्मेश दर्शन 

 

सन 1996 में रोमांटिक फ़िल्म "राजा हिंदुस्तानी" के सुपरहिट होने से फ़िल्म निर्देशक धर्मेश दर्शन अचानक से फ़िल्मी गलियारों में चर्चा का विषय बन गये। उनकी फ़िल्म " राजा हिंदुस्तानी" को बेहतरीन गीत - संगीत और मुख्य कलाकार आमिर खान और करिश्मा कपूर के शानदार अभिनय के लिए बहुत सराहना मिली।इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर के " सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म" पुरस्कार से नवाज़ा गया।इस कामयाबी का ये असर हुआ कि बॉलीवुड का हर बड़ा निर्माता और कलाकार धर्मेश दर्शन की फिल्म में काम करना चाहता था। तब धर्मेश दर्शन के पास एक रोमांटिक फ़िल्म की कहानी आई।फ़िल्म की कहानी मशहूर फ़िल्म लेखक नसीम मुकरी ने लिखी थी। उन्हीं दिनों धर्मेश दर्शन अपनी फ़िल्म " मेला" पर काम कर रहे थे।उन्होंने पहले तो नई फ़िल्म करने से मना कर दिया।मगर फिर कुछ सोचकर फ़िल्म डायरेक्ट करने के लिए तैयार हो गये।फ़िल्म का स्क्रीनप्ले नसीम मुकरी और राज सिन्हा ने मिलकर लिखा। निर्माता रजत जैन फ़िल्म के प्रोड्यूसर बने।। फ़िल्म का नाम रखा गया "धड़कन"।

Advertisement

 

बहुत सोच समझकर फिल्म के किरदार चुने

 

धर्मेश दर्शन फिल्म "मेला" बना रहे थे। उनकी फिल्म राजा हिन्दुस्तानी हिट साबित हुई थी। सभी बड़े निर्माता और कलाकार धर्मेश दर्शन के साथ काम करना चाहते थे।साल 1996 में धर्मेश दर्शन ने "धड़कन" का निर्देशन स्वीकार तो कर लिया, लेकिन मेला की शूटिंग के कारण फिल्म का निमार्ण टलता रहा। बीच में धर्मेश दर्शन ने फिल्म "धड़कन" छोड़ दी थी। फिल्म का निमार्ण बीच मंझधार में फंस गया। फिर धर्मेश दर्शन लौट आए और उन्होंने "धड़कन" के निर्माण को गंभीरता से लिया। फिल्म के किरदार "राम", "अंजलि" और "देव" के लिए कई कलाकारों ने संपर्क किया। मगर अंत में धर्मेश दर्शन ने अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और शिल्पा शेट्टी को लेकर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। लोग धर्मेश दर्शन से कहते रहे कि उन्हें स्टार फेस के साथ फिल्म बनानी चाहिए। मगर धर्मेश दर्शन अपने फैसले पर कायम रहे। धर्मेश दर्शन की फिल्म मेला जब जनवरी 2000 में रिलीज हुई तो धर्मेश दर्शन को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद उन्होंने "धड़कन" के साथ कोई कमी नहीं छोड़ी। इसका नतीजा यह हुआ कि धड़कन सुपरहिट फिल्म साबित हुई।

 

 

सुनील शेट्टी को उनके करियर का एकमात्र फिल्मफेयर 

 

 

पहले देव का किरदार कोई दूसरा एक्टर निभा रहा था। सुनील शेट्टी अपनी फिल्मों की शूटिंग के कारण व्यस्त थे। शिल्पा शेट्टी बताती हैं कि दूसरे एक्टर के साथ फिल्म का कुछ हिस्सा शूट हो गया था। लेकिन तभी फिल्म में सुनील शेट्टी की एंट्री हुई और उन्होंने देव का किरदार निभाया।इस नेगेटिव किरदार के लिए सुनील शेट्टी को फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

 

 

अंतिम समय में किया गया महिमा चौधरी को शामिल

 

पहले महिमा चौधरी फिल्म का हिस्सा नहीं थीं। मगर फिल्म की शूटिंग के दौरान महिमा चौधरी को सुभाष घई ने अपनी फिल्म "परदेस" में ब्रेक दिया और देखते ही देखते महिमा चौधरी देश दुनिया में लोकप्रिय हो गईं। महिमा चौधरी की प्रसिद्धि को भुनाते हुए, शीतल वर्मा का किरदार महिमा चौधरी को दिया गया। 

 

 

फिल्म के अंत को बदला गया

 

फिल्म की असल कहानी के अंत में अंजलि की प्रेगनेंसी की बात सुनकर देव को धक्का लगता है और उस की मृत्यु हो जाती है। मगर धर्मेश दर्शन चाहते थे कि आने वाली पीढ़ी फिल्म से सकारात्मक संदेश लेकर घर जाए। इसलिए उन्होंने के अंत को बदल दिया और देव को शीतल वर्मा के साथ खुशी से जीवन में आगे बढ़ते हुए दिखाया। 

 

 

फिल्म के टाइटल को लेकर रहा विवाद

 

 

रिलीज से पहले फ़िल्म के टाइटल "धड़कन" को लेकर कानूनी विवाद छिड़ गया।गोयल सिने कारपोरेशन और यूनाइटेड सेवन कमबाइन्स ने इस टाइटल पर अपना हक़ जताया।इसके बाद अदालती फैसला हुआ और रजत जैन को टाइटल " धड़कन" रखने की इजाज़त मिली।इन तमाम मुश्किलातों के कारण फ़िल्म की रिलीज़ में लगभग 4 साल की देरी आई।

 

 

 

"धड़कन" से हुई नदीम श्रवण की वापसी

 

धर्मेश दर्शन की फिल्म राजा हिन्दुस्तानी में संगीतकार नदीम एक संगीत था। फिल्म और संगीत दोनों सुपरहिट साबित हुए। लेकिन फिर कुछ विवादों के कारण संगीत जगत में नदीम श्रवण को लेकर खराब माहौल पैदा हो गया। फिर गुलशन कुमार की हत्या में नाम शामिल होने के बाद नदीम श्रवण की सारी छवि मिट्टी में मिल गई। लेकिन धर्मेश दर्शन ने फिल्म के संगीत के लिए नदीम श्रवण को साइन किया हुआ था। इसलिए संगीत का निर्माण नदीम श्रवण ने ही किया और रिलीज होने पर अटकलों के विपरीत संगीत खूब लोकप्रिय हुआ। फिल्म में हर गीत एक से बढ़कर एक था। एक ही गीत को दो गायकों के द्वारा अलग अलग फील से गवाया गया था। जैसे "तुम दिल की धड़कन" गीत के अलग वर्जन कुमार सानू और अभिजीत भट्टाचार्य ने गाए, वहीं"दिल ने ये कहा है दिल से" गीत का एक वर्जन उदित नारायण और कुमार सानू की आवाज में रिकॉर्ड हुआ जबकि दूसरे वर्जन को सोनू निगम ने आवाज दी। दिलचस्प बात यह है कि गीतकार समीर ने फिल्म के हर गीत में "धड़कन" शब्द का इस्तेमाल किया।

 

नुसरत फतेह अली खान ने गाई मशहूर कव्वाली 

 

फ़िल्म के एक मुख्य गीत "दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है" के लिए महान गायक उस्ताद नुसरत फ़तेह अली खान को याद किया गया।फ़िल्म के निर्माता चाहते थे कि जब ये गीत फ़िल्माया जाए तो उस वक़्त स्क्रीन पर नुसरत साहब भी मौजूद हों। मगर तभी नुसरत साहब का निधन हो गया। इस कारण अभिनेता कादर खान पर इस गीत को फ़िल्माया गया।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Akshay Kumar, Akshay Kumar film Dhadkan intersting Facts, Suniel Shetty, Shilpa Shetty, mahima choudhary, Bollywood, Dhadkan intersting Facts, Dharmesh darshan, Hindi films, Hindi cinema, Entertainment Hindi films news, art and entertainment, Hindi c
OUTLOOK 15 March, 2023
Advertisement