हम भी एंग्री यंग मैन
हिन्दी सिनेमा में अमिताभ बच्चन "एंग्री यंग मैन" किरदार के लिए विख्यात हुए। मगर अमिताभ बच्चन के अलावा भी कई कलाकार हुए, जिन्होंने "एंग्री यंग मैन" किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। पेश है ऐसे ही कलाकारों की सूची :
सुनील दत्त
भारतीय सिनेमा की महानतम फिल्मों में एक "मदर इंडिया" में बिरजू का किरदार निभाकर सुनील दत्त ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। बिरजू का किरदार हिंदी सिनेमा के शुरुआती दौर का "एंग्री यंग मैन" था।
दिलीप कुमार
अभिनेता दिलीप कुमार ने साल 1961 में रिलीज हुई फिल्म "गंगा जमुना" में मुख्य किरदार गंगाराम की भूमिका निभाई। दिलीप कुमार द्वारा निभाया गया "गंगाराम" का किरदार आने वाले समय में कलाकारों के लिए सीखने का स्त्रोत बना।
मनोज वाजपेई
साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म "शूल" में अभिनेता मनोज बाजपेई ने इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह की भूमिका निभाई। समर प्रताप सिंह की भूमिका निभाकर मनोज बाजपेई ने "एंग्री यंग मैन" की छवि का कुशलता से निर्वाह किया।
आमिर खान
साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म "सरफरोश" में अभिनेता आमिर खान ने पुलिस अधिकारी अजय कुमार सिंह राठौड़ की भूमिका निभाई। इस किरदार को निभाते हुए आमिर खान ने एक साधारण आदमी के दुःख, संघर्ष को जिया और दिखाया कि कैसे हिम्मत का दामन थाम कर जुल्म से जंग की जाती है।
नाना पाटेकर
साल 1994 में रिलीज हुई फिल्म "क्रांतिवीर" में नाना पाटेकर ने प्रताप नारायण तिलक की भूमिका निभाई। प्रताप नारायण तिलक के किरदार के अंदर, समाज में फैली विसंगतियों के कारण पैदा हुए गुस्से को देखा गया। नाना पाटेकर ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से प्रताप की भूमिका को अमर कर दिया।
ओम पुरी
साल 1983 में रिलीज हुई निर्देशक गोविंद निहलानी की फिल्म "अर्ध सत्य" हिंदी सिनेमा की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। फिल्म में सब-इंस्पेक्टर अनंत वेलंकर की भूमिका में ओम पुरी ने अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया। सब-इंस्पेक्टर अनंत वेलंकर जिस तरह समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, अपराध से लड़ता है, वह आम आदमी को प्रभावित करता है, प्रेरित करता है।
सनी देओल
सनील देओल ने अपने अभिनय सफर में ऐसी कई भूमिकाएं निभाईं, जिनमें "एंग्री यंग मैन" की छवि और गुण दिखाई दिए। "अर्जुन", "घातक ", "घायल ", "दामिनी " जैसी फिल्मों में सनी देओल ने ऐसे किरदार निभाए जिन्होंने जुल्म, शोषण का डटकर सामना किया और समाज में धर्म, न्याय स्थापित किया।
विनोद खन्ना
विनोद खन्ना ने निर्देशक गुलज़ार की फिल्म "मेरे अपने" और "अचानक" में "एंग्री यंग मैन " किरदार निभाए। दोनों ही फिल्मों के किरदार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, सामाजिक शोषण से त्रस्त होकर संघर्षरत होते हैं। विनोद खन्ना के द्वारा निभाए गए यह किरदार, फिल्म जगत में उनकी एक सशक्त छवि स्थापित करने में सहायक साबित हुए।
संजय दत्त
अभिनेता संजय दत्त ने फिल्म "वास्तव", "दाग द फायर", "कुरुक्षेत्र" में "एंग्री यंग मैन" किरदारों को निभाया। इन फिल्मों में संजय दत्त द्वारा निभाए गए किरदार अधर्म, शोषण, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था से लड़ते दिखाई दिए और संघर्ष के प्रतीक बने।
नसीरुद्दीन शाह
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निर्देशक गोविंद निहलानी की फिल्म "आक्रोश" और निर्देशक सईद अख़्तर मिर्ज़ा की फिल्म "अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है" में ऐसे किरदार निभाए, जिनके मन को समाज की विसंगतियों ने आघात पहुंचाया और उन्होंने बदलाव लाने के लिए संघर्ष, आंदोलन का रास्ता इख्तियार किया।
अजय देवगन
अभिनेता अजय देवगन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत में "जिगर" और "विजयपथ" जैसी फिल्मों में एंग्री यंग मैन किरदार निभाए। इन फिल्मों के किरदार अन्याय, जुल्म के खिलाफ शंखनाद करते हुए नजर आते हैं। इन फिल्मों में निभाई भूमिकाओं ने अजय देवगन की "एक्शन हीरो" छवि को हिन्दी सिनेमा में स्थापित करने का काम किया।
मिथुन चक्रवर्ती
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने "जंग", "मर्द" जैसी फिल्मों में एंग्री यंग मैन किरदार निभाए,जो समाज की विसंगतियों से लड़ने का काम करते हैं। इन फिल्मों ने मिथुन चक्रवर्ती की डिस्को डांसर छवि को तोड़ने का काम किया और उन्हें एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया। आने वाले वर्षों में मिथुन चक्रवर्ती ने दर्जनों एक्शन फिल्में की, जिसका आधार उनकी एंग्री यंग मैन किरदार वाली फिल्में रहीं।