‘फॉर शी’ अभियान के राजदूत अनुपम खेर
यूएन वीमेन की उप कार्यकारी निदेशक लक्ष्मी पुरी ने कल शाम एक समारोह में खेर को ही ‘फॉर शी’ अभियान का दूत बनाया। अनुपम ने कहा फॉर शी के हिमायती के रूप में वह खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लैंगिक समानता हासिल करने के संगठन के प्रयास को अपनी पूरी मदद देने का वादा किया।
खेर ने कहा, सबसे महत्वपूर्ण है इस प्रयास को घर से शुरू करना होगा। आपको पता होना चाहिए कि बेटी से कैसे व्यवहार करना है और बेटे से जैसा व्यवहार करते हैं यह उससे अलग नहीं होना चाहिए।
उन्होंने पुरूषत्व सोच का मतलब महिलाओं का दमन बताते हुए इसे हास्यास्पद कहा। उन्होंने कहा, कमजोर आदमी महिलाओं पर अपनी मर्दानगी दिखाता है। एक शक्तिशाली और मजबूत आदमी कभी ऐसा नहीं करेगा। वह महिलाओं को शक्तिशाली बनाएगा।
खेर ने कहा कि भारत में लोग महिलाओं की तुलना में खुद को श्रेष्ठ मानने की भावना के साथ बड़े होते हैं। हालांकि, उनका मानना है कि महिलाओं के साथ बर्ताव के मामले में भारत में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा लेकिन अभी लंबा फासला तय करना है।
खेर ने कहा, शुरूआत हो रही है। भारत में चीजें बदल रही हैं लेकिन बहुत मूक बदलाव हो रहा है। चीजें एक रात में नहीं बदलेंगी। भारत जैसे समाज में बदलाव में थोड़ा समय लगता है।
खेर ने लैंगिक मुद्दों के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य को लेकर आशान्वित भारतीय युवा पीढ़ी आजाद भारत में पल बढ़ रही है और औपनिवेशिक दौर का प्रभाव उस पर नहीं है।
उन्होंने कहा, युवा पीढ़ी में मेरा पूरा भरोसा है। युवा पीढ़ी की वजह से भारत से मुझे बहुत आशा है। साथ ही कहा कि युवा देश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने के अवसर से उन्हें उन मुद्दों पर आधिकारिक तौर पर काम करने का मौका मिलेगा जिस पर वह अनाधिकारिक तौर पर काम करते रहे हैं।