नंबर गेम में नहीं पड़ते रणवीर
रणवीर सिंह के प्रति दर्शकों की दीवानगी अभी तक कायम है। पद्मावत और सिंबा ने यह साबित कर दिया है। रणवीर सिंह ने अकेले अपने दम पर एक ही साल में 500 करोड़ के आंकड़े को छू लिया है। लेकिन इस सफलता को वह सिर नहीं चढ़ने दे रहे हैं। उनका कहना है कि वह यह सब सोचना नहीं चाहते। बस वह ‘मनोरंजन करने में श्रेष्ठ’ बने रहें यही उनकी इच्छा है।
सिंबा स्टार की सिंपलिसिटी
सिंबा स्टार ने कहा कि जब ऐसी बातें होती हैं तो वे बहुत असहज महसूस करते हैं। लोग पैसों के बारे में बात करते हैं और मैं अपना सिर खुजाने लगता हूं। मुझे लगता है अब मैं पहल से भी ज्यादा खुद को इस तरह की बातचीत का हिस्सा होने से रोकता हूं। इन सब बातों से मैं खुद को बहुत छोटा महसूस करता हूं क्योंकि मैं जानता भी नहीं कि ये सब चर्चा मुझे कहां ले जाएगी।
बस काम और काम
रणवीर सिंह खुद को सबसे पहले कलाकार मानते हैं, ऐसे कलाकार जो दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए है। उन्हें काम के अलावा कुछ नहीं सूझता। रणवीर को लगता है कि यदि वे अपने काम के अलावा कुछ करेंगे तो यह उनकी मौत की तरह ही होगा। रणवीर नंबर गेम में नहीं पड़ते और वह जानते हैं कि इसका मतलब क्या होता है।
सिनेमा से प्यार
रणवीर को सिनेमा से प्यार है और यही कारण है कि वे बहुत ‘चूजी’ नहीं हो पाते हैं। वह कहते हैं, ‘मेरे दिमाग में हमेशा रहता है कि कैसे मैं सिनेमा के प्रति प्यार उसका स्म्मान बनाए रख सकूं।’ वह यह सोच कर फिल्म का चुनाव नहीं करते कि यह कितना कमाएगी। बस उन्हें अपनी भूमिका पसंद आनी चाहिए। उनका कहना है कि 300 करोड़ कमाई का ही नहीं बल्कि दर्शकों की पसंद का भी आंकड़ा है।