जिया मामला: सूरज के खिलाफ सुनवाई पर रोक बढ़ाने से कोर्ट का इनकार
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले 24 फरवरी को जिया की मौत को खुदकुशी बताने वाले जांच एजेंसी सीबीआई के आरोपपत्र को चुनौती देने वाली जिया की मां राबिया खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूरज के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी। राबिया ने तीन जून 2013 को जिया की मौत को खुदकुशी बताने वाली सीबीआई जांच के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। राबिया ने इस मामले की नई सिरे से जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति एएम बदर की खंडपीठ के सामने याचिका आज सुनवाई के लिए रखे जाने पर राबिया के वकील सुभाष झा ने इस याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक स्थगनादेश की मांग की। हालांकि पीठ ने सुनवाई पर रोक बढ़ाने से इंकार किया और राबिया की याचिका पर सुनवाई के लिए सात जून की तारीख तय की।
न्यायमूर्ति पाटिल ने कहा, आप राज्य पुलिस की जांच से खुश नहीं थीं और आपने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाई। सीबीआई ने अपना आरोपपत्र दायर किया है और वह भी पुलिस की तरह इस निष्कर्ष पर पहुंची और उसने आरोपी को धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाना) के तहत आरोपित किया। अब आप एसआईटी जांच चाहती हैं। अगर कल आप एसआईटी की भी जांच से संतुष्ट नहीं हुईं तो क्या होगा? यह कहीं न कहीं रूकना चाहिए। निचली अदालत को सूरज पंचोली के खिलाफ पांच मई को आरोप तय करने हैं। सीबीआई के वकील हितेन वेनेगांवकर ने आज उच्च न्यायालय को बताया कि एजेंसी इस मामले में एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने की सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने के लिए एक याचिका दायर करने की योजना बना रही है।