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17 October 2020

फिल्म DDLJ के 25 साल, यूरोप के बगीचों से लेकर पंजाब के सरसों के खेत तक 'राज-सिमरन' के इश्क

File Photo

समय बीतने के साथ फिल्म “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” (डीडीएलजे) 25 साल का हो गया है। यशराज फिल्म्स की डीडीएलजे, जिसने शाहरुख खान को सुपरस्टार बनाया और इस फिल्म के साथ राज-सिमरन हर घर में बस चले, 20 अक्टूबर को अपना सिल्वर जुबली मनाएंगे।

साल 1995 में जब इस तारीख को डीडीएलजे को रिलीज किया गया था, जिसमें शाहरूख खान और काजोल द्वारा निभाई गए रोमांटिक किरदारों ने युवा प्रेमियों को यूरोप के बगीचे से लेकर पंजाब के कपूरथला के सरसों के खेतों तक- दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित कर लिया।

करोड़ों दर्शकों ने 'राज-सिमरन' के रोमांस को सालों से देखा और बड़े हुए हैं। यहां तक कि एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फिल्म के प्रसिद्ध डायलॉग में से एक ("सेनोरिटा, बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छोटी बाते...") को कहते हुए अपने तरीके से भारत-अमेरिका संबंधों को बताया था।

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डीडीएलजे को दर्शकों के सामने पहली बार दस्तक देने वाले लेखक और निदेशक आदित्य चोपड़ा द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया था, जिसने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया और हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़े ब्लॉकबस्टर में से एक के रूप में साबित हुआ। यह अब तक की सबसे लंबे समय तक चलने वाली हिंदी फिल्म बन गई। वास्तव में, यह फिल्म मराठा मंदिर में इस साल के मार्च में लगे लॉकडाउन से पहले तक अपने रिकॉर्ड स्तर पर सुबह के शो में चल रही थी।

इस तरह के कई रिकॉर्ड स्थापित करने से इतर डीडीएलजे को भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली फिल्म होने का गौरव प्राप्त है, जिसने अपने निर्माण पर एक लघु फिल्म का निर्माण किया, जिसने भारतीय सिनेमा में बिहाइंड द सीन (बीटीएस) प्रचार करने का चलन शुरू किया।

आदित्य के छोटे भाई अभिनेता उदय चोपड़ा खुलासा करते हैं, “आदित्य कुछ ऐसा करना चाहते थे जो डीडीएलजे के साथ भारत में पहले किसी ने नहीं किया था। उन्होंने मुझे ‘मेकिंग’का जिम्मा सौंप दिया और चूंकि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया था, इसलिए मुझे बहुत खोज-बीन करना पड़ा कि इसके बारे में कैसे जाना जाए।” उन्होंने कहा,"कैलिफोर्निया फिल्म स्कूल से वापस आने के बाद मैंने तय किया कि फिल्म निर्माण के एक अन्य पहलू पर अपना हाथ आजमाने का यह सबसे शानदार अवसर होगा। पहली चीज जो हमें चाहिए थी वह सेट पर बहुत सारे फुटेज थे।” महान फिल्म निर्माता यश चोपड़ा के सबसे छोटे बेटे उदय का कहना है कि सेट पर एक सहायक होने के अलावा वो फुटेज के वीडियोग्राफर भी बने।

वो कहते हैं, "मुझे याद है कि मैं सचमुच एक हाथ में एक कैमरा और दूसरे में ताली बजाता था। सभी बैटरी,चार्जिंग केबल और स्पेयर पार्ट्स के साथ मैं सेट पर काफी नजारा था। इसका फायदा ये हुआ, जो मुझे बाद में पता चला, कि सभी कलाकार मेरे साथ काफी सहज नजर आते थे और इसने कुछ दिलचस्प और अंतरंग दृश्यों को बेहतर बनाया, जिससे फुटेज में जबरदस्त मदद मिली। डीडीएलजे पहली फिल्म थी जिसने एक चलन शुरू किया था जिसे अब लोकप्रिय रूप से बीटीएस कहा जाता है,हालांकि तब हमने इसे सिर्फ 'द मेकिंग' कहा था।"

10 फिल्मफेयर अवार्ड्स जीतने वाले डीडीएलजे ने विश्व स्तर पर बॉलीवुड का चेहरा बदल दिया। 4 करोड़ के बजट पर बनी इस फिल्म ने भारत में 89 करोड़ रुपए, विदेशी बाजारों में 13.50 करोड़ रुपए कमाए। इस प्रकार, कुल कमाई 1995 में दुनिया भर में 2.50 करोड़ था। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि आज के समय में, यदि मौजूदा मुद्रास्फीति के मुताबिक देखे तो यह भारत में 455 करोड़ रुपए और विदेशी क्षेत्रों में 69 करोड़ रुपए हैं, जो दुनिया भर में कुल मिलाकर एक अभूतपूर्व 524 करोड़ की कमाई के बराबर है।

अभिनेता उदय कहते हैं, “हमारी ये पहली फिल्म थी, जिसके पीछे के दृश्य को दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था। चैनल ने साझा की गई विशेष सामग्री से स्पेशल शो बनाया। जब इसे प्रसारित किया गया, तो हमें बहुत सारी शुभकामनाएँ मिलीं, जो दर्शकों के लिए कुछ नया करने की कोशिश के लिए बहुत बड़ी बात थी।”

उनका कहना है कि डीडीएलजे का बीटीएस उद्योग के लिए ऐसा करने के लिए एक प्रत्यक्षदर्शी था और हमें गर्व है कि जब फिल्म की मार्केटिंग की बात आती है तो हमारी फिल्म ने भारत में एक नया बेंचमार्क स्थापित करने की दिशा में योगदान दिया।”

 

 

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TAGS: DDLJ @ 25, Gardens of Europe, Mustard Fields Of Punjab, दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे, Bollywood News In Hindi, डीडीएलजे
OUTLOOK 17 October, 2020
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