Advertisement
26 September 2022

देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी

देव आनन्द जब गुरदासपुर पंजाब से मायानगरी मुंबई में हिंदी फ़िल्मों में काम करने आए, तब तक सुरैया एक सुपरस्टार थीं। बतौर गायिका सुरैया का बहुत नाम था। अभिनेत्री के रूप में भी दर्शक सुरैया को खूब पसंद करते थे। देव आनन्द एक स्ट्रगलर की हैसियत से फ़िल्मों में काम शुरू कर रहे थे। देव आनन्द और सुरैया ने सन 1948 में एक साथ जिस फ़िल्म में पहली बार काम किया, उसका नाम था " विद्या "। देव आनन्द में अदा, प्रतिभा और आकर्षण था। इसी आकर्षण में सुरैया सम्मोहित हो गईं। देव आनन्द के लिए सुरैया स्टार थीं। नौजवान देव के लिए सुरैया के प्रति आकर्षित होना सामान्य था। फ़िल्म विद्या के बाद देव आनन्द और सुरैया ने कई फ़िल्मों में साथ काम किया और उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस तरह दोनों एक दूसरे के बेहद नज़दीक आ गए। दोनों एक दूसरे से बेतहाशा मुहब्बत करने लगे। 

 

देव आनंद मशहूर हो चुके थे। सुरैया के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट हो चुकी थी। देव चाहते थे कि उनका विवाह सुरैया से हो जाए। सुरैया भी यही चाहती थीं। मगर इस समाज में प्रेम कब प्रेमियों की मर्ज़ी से पूर्ण होता है।देव आनंद और सुरैया के प्रेम में दीवार बनी सुरैया की नानी। सुरैया की नानी का सुरैया के परिवार में बहुत दबदबा था। कोई भी उनकी बात टाल नहीं पाता था। सुरैया देव आनंद से प्रेम तो करती थीं मगर नानी का डर सुरैया पर हावी था। जब सुरैया की नानी को देव और सुरैया के रिश्ते का पता चला तो उन्होंने इस प्रेम को उसी क्षण ख़ारिज कर दिया। सुरैया मुस्लिम थीं और देव हिन्दू। सुरैया की नानी को यह रिश्ता सख़्त नापसंद था।

Advertisement

 

सुरैया की नानी ने पूरी ताक़त झोंक दी कि देव आनंद और सुरैया एक दूजे से दूर हो जाएं। उस दौर में जब देव आनंद और सुरैया की जोड़ी सुपरहिट थी, सुरैया की नानी देव और सुरैया की फ़िल्मों की शूटिंग पर पहुंच जाती। वह देव और सुरैया के रोमांटिक सीन नहीं होने देती। साथ ही कई तरह की दिक्कतें पैदा करतीं, जिससे देव और सुरैया करीब न आ सकें। देव ने 3000 रुपए उधार लेकर एक हीरे की अंगूठी सुरैया को दी। सुरैया ने अंगूठी को नानी की नज़र से बचाने की खूब कोशिशें की मगर कामयाब नहीं हूं। नानी के हाथ, जब देव की दी हुई हीरे की अंगूठी लगी तो, उन्होंने अंगूठी समंदर में फेंक दी। 

 

देव आनंद चाहते थे कि सुरैया हौसला,साहस,हिम्मत करें। मगर सुरैया कायरता से बाहर नहीं निकल सकीं। देव आनंद साहब के कई प्रयास के बाद भी, सुरैया विवाह के लिए घरवालों को नहीं मना सकीं और न ही देव आनंद के साथ चलने की हिम्मत जुटा पाईं। देव आनंद बहुत टूट गए। देव आनंद खूब रोए। और फिर उन्होंने सुरैया को भूलने का फ़ैसला किया। यह कठिन था। देव आनंद ने सुरैया के ग़म से ख़ुद को बाहर निकालने के लिए जल्दी बाज़ी में अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से विवाह कर लिया। कल्पना कार्तिक से किए विवाह ने देव आनंद को संभाल तो लिया मगर देव आनंद के दिल से सुरैया की मुहब्बत कभी नहीं निकल सकी। सुरैया भी देव आनंद से आख़िरी सांस तक मुहब्बत करती रहीं। सुरैया भले ही देव आनंद से विवाह करने की हिम्मत नहीं कर पाईं मगर उन्होंने आजीवन किसी और से भी शादी नहीं की। इस तरह एक खूबसूरत प्रेम कहानी अधूरी रह गई। 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Dev anand, suraiya, Dev anand suraiya Love story, Bollywood, Hindi cinema, Entertainment Hindi films news
OUTLOOK 26 September, 2022
Advertisement