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25 March 2017

मजबूत अनारकली

एक अच्छा निर्देशक वही है जो कलाकारों से मनमाफिक काम करा ले। एक अच्छा कलाकार वही है जो अपने निर्देशक के विचारों में ढल जाए। अनारकली ऑफ आरा में यही लयबद्धता दिखाई पड़ती है। इस फिल्म को देखते हुए एक बार भी नहीं लगता कि अविनाश दास ने इस फिल्म से निर्देशकीय पारी शुरू की है। कहानी, किरदार, कथ्य में अनारकली एक मजबूत और शानदार फिल्म है। स्वरा निल बटे सन्नाटा के बाद फिर से साबित किया है कि वह अकेले दम पर दर्शकों को बांधे रह सकती हैं। अभिनेत्री के तौर पर उनके किरदार पर हर हदा पर दर्शक फिदा रहे हैं। फिल्म की पृष्ठभूमि चूंकि बिहार है इसलिए जरूरी था कि किरदार के उच्चारण में वह स्वस्फूर्त टोन आए। स्वरा ने अपने उच्चारण पर कितनी मेहनत की है यह उनके उच्चारण को सुन कर ही पता चल जाता है। अविनाश ने संजय मिश्रा को खलनायक का किरदार देकर भी चौंकाया है। एक निर्देशक के तौर पर उन्होंने यह खतरा उठाया इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए। फिल्म उद्योग में कलाकारों से आगे उनकी छवि चलती है। संजय कॉमेडी जॉनर के कलाकार हैं यह सभी जानते हैं, लेकिन वह खलनायकी भी ऐसे कर जाएंगे यह तो बस अनारकली ही जानती थी!

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TAGS: anarkali of arah, avinash das, sanjay mishra, swara bhaskar, अनारकली ऑफ आरा, अविनाश दास, संजय मिश्रा, स्वरा भास्कर
OUTLOOK 25 March, 2017
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