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22 March 2023

हसरत जयपुरी के जीवन से जुड़ा खूबसूरत प्रसंग

शोहरत की बुलंदियों के बाद एक ऐसा दौर भी आया, जब हसरत जयपुरी के पास काम नहीं था। उनको इस का मलाल नहीं था। उन्हें इस बात का दुख जरूर था कि हिंदी सिनेमा के गीत संगीत में अश्लील, फूहड़, द्विअर्थी चालू शब्दों ने जगह बना ली थी। शब्दों की बेकद्री देखकर उन्हें दुख होता था। ऐसे में हसरत जयपुरी ने उम्र और करियर के आखिरी पड़ाव में एक बार फिर से राज कपूर के साथ काम किया।

 

एक रोज वह राज कपूर के पास पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह एक गीत लिखना चाहते हैं। गीत लिखने का कारण भी मजेदार था। हसरत चाहते थे कि वह जमाने को बताएं कि बूढ़ी उम्र में भी उनका दिल जवान है और उनकी कलम से इश्किया गीत निकल सकते हैं। तब राज कपूर ने हसरत को मौका दिया और हसरत ने फिल्म "राम तेरी गंगा मैली" के लिए गीत "सुन सायबा सुन, प्यार की धुन"।यह गीत और फिल्म सुपरहिट साबित हुई। 

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हसरत जयपुरी का 17 सितंबर सन 1999 को मुंबई में निधन हो गया। मगर जब तक इस दुनिया में मोहब्बत का वजूद है, तब तक हसरत जयपुरी अपने गीतों के माध्यम से पैगाम -ए मोहब्बत पहुंचाते रहेंगे।

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OUTLOOK 22 March, 2023
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