हैप्पी टीचर्स डे: इस शिक्षक दिवस को खास बनाने के लिए देखें ये 6 फिल्में
ये क्लास है या मछली बाजार? "अपने हाथ उठाओ और कोने में खड़े हो जाओ", "अपने मुंह पर उंगली रखो", दो साल पहले अपने टीचर के मुंह से ये पंक्तियां सुनकर हम सभी डर जाते थे। हालांकि इस महामारी के बीच स्कूल में जाकर शिक्षकों से मिलना सही नहीं होगा। ऐसे संवादों को सुनने के लिए आपके कान तरस रहे होंगे।
देश में शिक्षकों पर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच दुनिया भर के शिक्षकों ने अपने आश्वासन के साथ यह साबित कर दिया है कि सीखना कभी नहीं रुकता है। पूरा देश जब लॉक था तब भी ये शिक्षक ऑनलाइन क्लॉस चला कर बच्चों को पढ़ा रहे थे। इसलिए इस शिक्षक दिवस पर हम आपके लिए ऐसी बॉलिवुड फिल्मों को लेकर आए हैं जो आपको छात्र-शिक्षक के संबंधों को अलग-अलग प्रकार से समझने का अवसर प्रदान करेंगी।
1. तारे जमीन पर
इस फिल्म में आमिर खान और दर्शील सफारी को लीड एक्टर के रूप में दिखाया गया है। फिल्म एक 8 वर्षीय लड़के, ईशान अवस्थी (दर्शील सफारी) की जिंदगी पर आधारित है। जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है और अपने शैक्षिक प्रदर्शन के कारण मुश्किलों का सामना कर रहा है। और जैसी ही उसके जीवन में शिक्षक राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) से मिलता है उसकी सारी मुसीबतें सुलझ जाती हैं। ईशान के पढ़ने और लिखने के कौशल को सुधारने के लिए निकुंभ अपरंपरागत तरीकों का उपयोग करते हैं।
2. हिचकी
यह अंडररेटेड प्रेरणादायक फिल्म एक नहीं बल्कि दो प्रमुख मुद्दों पर आधारित है। इसमें टॉरेट सिंड्रोम के बारे में बताया गया है कि एक शिक्षिका नैना माथुर (रानी मुखर्जी) अपने पूरे जीवन में कैसे इसका सामना करती हैं। इसके अलावा शुरुआत में नैना माधुर को कैसे छात्रों के ग्रुप द्वारा अनुशासन हीनता का सामना करना पड़ता है। फिर आखिरी में शिक्षक छात्रों के साथ महनत कर उनके सपने साकार कर देते हैं।
3. काई पो चे
यह फिल्म दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव और अमित साध पर फिल्माई गई है। जिसमें भारत में सांप्रादायिक दंगों की सच्ची दोस्ती और रक्तपात का चित्रण किया गया है। यह फिल्म चेतन भगत के 2008 के उपन्यास- 'द 3 मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ' से ली गई है। यह फिल्म ईशान (सुशांत सिंह राजपूत) के कैरेक्टर को प्रस्तुत करती है जो एक क्रिकेट कोच हैं। इसमें बताया गया कि कैसे एक लड़के को समृद्ध क्रिकेट खिलाड़ी बनाने के लिए कोच महनत करता है।
4. निल बटे सन्नाटा
एक पल के लिए अपने बचपन में जाए, देखें अपको पहली सीख कहां से मिली थी। देखें कि पहली बार 'किसी' ने आपको बोलना कैसे सिखाया, पहली बार 'किसी' ने आपको लिखना कब सिखाया। क्या इससे आपको आपकी मां की याद नहीं आती?
मां को हमारे जीवन की पहली और सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक माना जाता है। जो खुशी-खुशी हमें इस उम्मीद के साथ शिक्षित करने का कर्तव्य निभाते हैं कि उनका बच्चा जिंदगी में हर बड़ा मुकाम हासिल करें। यह फिल्म माँ-बेटी के रिश्ते पर आधारित है, जिसमें मुख्य भूमिका में स्वरा भास्कर और शुक्ला हैं। फिल्म में, चंदा (स्वरा भास्कर) एक अकेली मां है, जो अपनी बेटी, अपेक्षा (शुक्ल) की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने और उसके लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के सपने देखने का प्रयास करती है।
5. सुपर 30
यह फिल्म शिक्षक आनंद कुमार (ऋतिक रोशन) के वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित है। जो हर साल 30 वंचित छात्रों के एक बैच को शिक्षित करता है। जो आईआईटी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए महनत करते हैं। फिल्म में आनंद कुमार के जीवन-धमकाने वाले संघर्षों के साथ-साथ वंचितों को शिक्षित करने के उनके उत्साह को दर्शाया गया है।
6. थ्री इडियट्स
2009 में आई इस फिल्म ने पूरे बॉलीवुड में धमाका मचा दिया था। आमिर खान, शरमन जोशी, आर. माधवन और बोमन ईरानी पर अभिनीत फिल्म को व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म माना जाता है। इस फिल्म में रटने की प्रथा को खत्म करने और हमारी भारतीय शिक्षा प्रणाली में सीखने के नए तरीकों को पेश करती है। रैंचो (आमिर खान) अपने दो दोस्तों राजू (शरमन जोशी) और फरहान (आर. माधवन) को अपने कॉलेज के निदेशक "वायरस" (बोमन ईरानी) की भयावहता से बचाने का प्रयास करता है, जो शिक्षण के सैद्धांतिक तरीकों का प्रचार करता है। फिल्म छात्रों और कॉलेज के निदेशक के बीच संबंधों के विकास को दर्शाती है ताकि एक आदर्श कथानक को सही अंत दिया जा सके।