Advertisement
24 June 2023

फिल्मी अफसाना: रुपहले परदे पर प्रेम त्रिकोण

“एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के पीछे के मनोविज्ञान को अभिव्यक्त करने के लिए हिंदी सिनेमा में कई फिल्में बनी हैं। इन फिल्मों पर एक नजर”

 

सिलसिला (1981)

Advertisement

 

निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म। मुख्य भूमिका अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन ने शानदार भूमिका निभाई थी। फिल्म का नायक अमित, चांदनी से प्यार करता है, लेकिन उसे अपने भाई की अचानक मौत के बाद शोभा से शादी करनी पड़ती है। कुछ समय बाद अमित की चांदनी से मुलाकात होती है लेकिन तब तक चांदनी डॉक्टर वीके आनंद के साथ विवाह कर चुकी होती है। अमित और चांदनी की एक बार फिर मुलाकात होती है और दोनों पुरानी यादों को ताजा करते हैं। दोनों के बीच संबंध नए रूप में विकसित होते हैं।

 

 

अर्थ (1982)

निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म। कुलभूषण खरबंदा, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी ने फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को दर्शाती यह फिल्म महेश भट्ट के जीवन से प्रेरित है। फिल्म का नायक इंदर अपनी महत्वकांक्षाओं के कारण पत्नी पूजा को छोड़कर कविता के साथ रिश्ता कायम करता है। पूजा रिश्ते के इस विश्वासघात को स्वीकार करती है। लेकिन वह हार नहीं मानती बल्कि अपनी पहचान ढूंढने निकल पड़ती है।

 

इजाजत (1987)

निर्देशक गुलजार की फिल्म। फिल्म में मुख्य भूमिका अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, अभिनेत्री रेखा और अनुराधा पटेल ने निभाई। फिल्म का नायक महेन्द्र माया से प्रेम करता है लेकिन परिस्थितिवश उसे सुधा से विवाह करना पड़ता है। सुधा से विवाह के बाद भी महेन्द्र के माया से संबंध रहते हैं और इस बात का पता चलने पर सुधा, महेन्द्र से रिश्ता खत्म कर लेती है। अलग होने के कई साल बाद महेन्द्र और सुधा रेलवे स्टेशन पर मिलते हैं और गुजरी यादों में खो जाते हैं।

 

पति पत्नी और वो (1978)

निर्देशक बीआर चोपड़ा की फिल्म। मुख्य भूमिका में अभिनेता संजीव कुमार, अभिनेत्री विद्या सिन्हा और रंजीता कौर नजर आए। फिल्म का नायक रंजीत अपनी पत्नी शारदा के साथ सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा होता है। एक दिन रंजीत के जीवन में उसकी सेक्रेटरी निर्मला का प्रवेश होता है और फिर रंजीत के जीवन में बड़ा बदलाव आता है। रंजीत विवाहेतर संबंध बनाने में सफल हो जाता है मगर यह सफलता स्थाई नहीं होती।

 

 

ये रास्ते हैं प्यार के (1963)

 

निर्देशक आर के नय्यर की फिल्म। मुख्य भूमिका अभिनेता अशोक कुमार, अभिनेत्री लीला नायडू और सुनील दत्त ने निभाई। फिल्म का नायक पायलट अनिल अपनी पत्नी नीना के साथ सुखद वैवाहिक जीवन जी रहा होता है। काम के सिलसिले में जब अनिल बाहर जाता है, तो उसका दोस्त अशोक, नीना के करीब आ जाता है। जब अनिल को नीना और अशोक के रिश्ते का पता चलता है तो वह आक्रोशित हो जाता है और इसी आक्रोश में उसके हाथों अशोक की हत्या हो जाती है। इसी थीम पर 2016 में अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रुस्तम आधारित है।

 

एक बार फिर (1980)

 

निर्देशक विनोद पांडे की फिल्म। मुख्य भूमिका अभिनेता सुरेश ओबेरॉय, अभिनेत्री दीप्ति नवल, प्रदीप वर्मा ने मुख्य भूमिकाएं निभाई। फिल्म की नायिका कल्पना अपने पति महेन्द्र के साथ वैवाहिक जीवन में असंतुष्ट होती है और यह असंतुष्टि उसे विमल के पास ले जाती है। विमल के साथ कल्पना अच्छा महसूस करती है लेकिन एक समय उसे लगता है कि जैसे उसकी जिंदगी विमल और महेन्द्र के बीच झूल रही है।

 

गुमराह (1963)

 

निर्देशक बीआर चोपड़ा की फिल्म। मुख्य भूमिका में सुनील दत्त, अशोक कुमार, माला सिन्हा नजर आईं। फिल्म की नायिका मीना, राजेंद्र से प्यार करती है लेकिन एक दुर्घटना के कारण उसे अपनी बहन कमला के पति अशोक से विवाह करना पड़ता है। विवाह के बाद भी मीना, राजेंद्र के साथ अपना संबंध खत्म नहीं कर पाती और उसके जीवन में परेशानियां आती हैं। इस कहानी पर 2005 में अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म बेवफा बनी थी।

 

कभी अलविदा ना कहना (2006)

निर्देशक करण जौहर की फिल्म। मुख्य भूमिका शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, प्रीति जिंटा, अभिषेक बच्चन ने निभाई थी। फिल्म की कहानी दो ऐसे शादीशुदा जोड़े माया-ऋषि और देव-रिया के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने वैवाहिक संबंध से नाखुश हैं। ये जोड़े अपनी शादी बचाने के लिए एक दूसरे की मदद करते हैं और इस प्रक्रिया में विवाहेतर संबंधों का जन्म होता है।

 

ऐतराज (2004)

 

निर्देशक अब्बास मस्तान की फिल्म। मुख्य भूमिका अक्षय कुमार, करीना कपूर, प्रियंका चोपड़ा और अमरीश पुरी ने निभाई थी। फिल्म की नायिका सोनिया का राज के साथ प्रेम संबंध होता है, जिसे वह अपने करियर के लिए छोड़ देती है। शोहरत पाने के बाद सोनिया को महसूस होता है कि वह अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं है। तब वह राज के करीब जाना चाहती है लेकिन तब तक राज की प्रिया से शादी हो चुकी होती है। राज के साथ किसी भी कीमत पर नजदीकी रखने की चाह सोनिया को इतना विवेकहीन बना देती है कि वह राज पर बलात्कार का आरोप लगा देती है। इस आरोप से राज को उसकी पत्नी वकील प्रिया बचाने का प्रयास करती है।

 

हमारी अधूरी कहानी (2015)

 

निर्देशक मोहित सूरी की फिल्म। मुख्य भूमिका में इमरान हाशमी, विद्या बालन, राजकुमार राव नजर आए थे। फिल्म की नायिका वसुधा, पति हरि प्रसाद के लापता होने के बाद अकेले जीवन जी रही होती है। इसी अकेलेपन में उसकी मुलाकात आरव से होती है और दोनों में नजदीकियां बढ़ जाती हैं। कहानी तब करवट लेती है, जब एक दिन अचानक वसुधा का पति हरि वापस लौटता है और वसुधा, आरव के संबंधों को खत्म करने की ठान लेता है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Bollywood Hindi films based on extra marital affair theme, Bollywood, arth, ijazat, kabhi alvida na kehna, Hindi cinema, Entertainment Hindi films news, Indian movies, art and entertainment,
OUTLOOK 24 June, 2023
Advertisement