Advertisement
21 August 2015

ऑल इज वेल में वेल खोजिए

मुझे ठीक-ठीक नहीं पता कि इस फिल्म का बजट कितना होगा, लेकिन मेरे खयाल से इतने पैसे में कुछ गरीब बच्चे कॉलेज की फीस दे सकते हैं, कुछ बीमारों का इलाज हो सकता है, कुछ भूखे अपना पेट भर सकते हैं... अगर आपको लग रहा है कि मैं फिल्म समीक्षा के बजाय यह भाषणबाजी क्यों करने लगी हूं तो सोचिए मेरे दिमाग पर क्या असर हुआ है!

 

दरअसल इंदर भल्ला (अभिषेक बच्चन) की मां (सुप्रिया पाठक) को फिल्म में अल्जाइर्स हो जाता है और मुझे लगता है मुझ पर इसका कुछ-कुछ असर है, कि मैं भूल ही गई हूं कि मुझे लिखना क्या है। हां तो एक है मिस्टर भल्ला (ऋषि कपूर) जो पार्टटाइम बेकरी चलाने के अलावा फुलटाइम अपने बेटे और बीवी के साथ झगड़ते हैं। बिलकुल बकवास अभिनय के तहत बाप बेटे झगड़ते हैं और जूनियर भल्ला तो पता नहीं कैसे हांगकांग में है और गाना गा रहा है। एक फोन के चलते उसे वापस आना पड़ता है और फिर यहीं वह पारिवारिक मुसीबतों में उलझ जाता है।

Advertisement

 

बीच में सोनाक्षी सिन्हा एक आइटम सॉन्ग करती हैं, एकदम बेदम अंदाज में रिम्मी (असिन) जूनियर भल्ला से लव-शव टाइप के संवाद बोलती है, दर्शक उबासी लें इस हद तक बाप-बेटे भाषणबाजी करते हैं और बस ऐसे ही दो घंटे बीत जाते हैं और खेल खतम, पैसा हजम।

 

तो क्या इस फिल्म में कुछ नहीं है। है न एक स्थानीय गुंडा चीमा (जीशान मोहम्मद अयूब) जो जब आता है तो बेचारे दर्शक थोड़ा बहुत हंस लेते हैं। हालांकि वह भी ऐसी हंसी नहीं है जो स्थायी रूप से दर्शक के साथ चली आए। फिर भी फिल्मी दुनिया के राहुल गांधी यानी अभिषेक बच्चन से तो वह फिर भी बेहतर है। पूरी फिल्म में बाकी लोगों ने इतना बोल लिया है कि सुप्रिया पाठक के लिए कुछ बचा ही नहीं। बेरोजगारी के दिनों में जो काम मिले कर लो इसी सीख के तहत असिन ने यह फिल्म साइन की होगी।

 

निर्देशक उमेश शुक्ला को लगा होगा कि वह ओह माय गॉड की तरह ही फिर एक गजब का हास्य रच देंगे। पर वहां तो भगवान थे सो फिल्म को बचा लिया। यहां तो हर कलाकार एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा में था कि कौन खराब अभिनय करता है। तो ऐसा है कि मानो तो कुल मिला कर सब अच्छा ही है, दो घंटे में ही फिल्म खत्म हो गई। सोचो यदि तीन घंटे की होती तो क्या होता। बी पॉजिटिव असिन ने बोला है न फिल्म में।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: all is well, umesh shukla, zeeshan mohammed ayyub, supriya pathak, abhishek bachchan, asin, rishi kapoor, ऑल इज वेल, उमेश शुक्ला, जीशान मोहम्मद अयूब, सुप्रिया पाठक, अभिषेक बच्चन, असिन, ऋषि कपूर
OUTLOOK 21 August, 2015
Advertisement