Advertisement
25 February 2016

मैं आतंकी नहीं हूं, 93 के धमाकों से नाम न जोड़ें: संजय दत्त

twitter

अपनी सजा पूरी होने से 103 दिन पहले ही रिहा किए जाने के बाद अभिनेता संजय दत्त आज पुणे की यरवदा जेल से आजाद व्यक्ति की तरह निकले। 56 वर्षीय दत्त ने मुंबई में अपने घर पर लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, मैं आतंकवादी नहीं हूं। मुझे टाडा के तहत आरोपों और साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने भी मुझे आईपीसी की धारा 120-बी और टाडा के तहत आरोपों से बरी कर दिया था। मुझे शस्त्र अधिनियम के तहत सजा दी गई थी। दत्त ने कहा, मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि जब भी मेरे खिलाफ लिखें या जिक्र करें तो मेरे नाम के सामने 1993 के विस्फोटों के मामले को नहीं लिखें।

इससे पहले गुरूवार को दिन में संजय दत्त नीली कमीज और जीन्स पहने एक बड़ा बैग लटकाकर यरवदा जेल से बाहर निकले। जेल से निकलने के बाद उन्होंने धरती को छूआ और जेल की इमारत के उपर लगे तिरंगे को सलाम किया। जिसके बाद वह अपनी कार की ओर बढ़ गए जिसमें उनकी पत्नी मान्यता और जुड़वां बच्चे इकरा तथा शहरान एवं फिल्मकार दोस्त राजकुमार हीरानी उनका इंतजार कर रहे थे। चार्टर्ड विमान से मुंबई के लिए रवाना होने से पहले हवाईअड्डे पर दत्त ने संवाददाताओं से कहा, मेरे दोस्तों, आजादी की राह आसान नहीं है।

मुंबई पहुंचने के बाद दत्त सिद्धिविनायक मंदिर गए और उसके बाद अपनी मां नर्गिस दत्त की कब्र पर श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे। उन्होंने अपनी मां नर्गिस का जिक्र करते हुए कहा, जब हम बहुत छोटे थे तभी वह गुजर गई थीं। मैं उनका आशीर्वाद लेने गया था क्योंकि आज मैं आजाद हूं। उन्होंने कहा, मैं 23 साल से इस क्षण का इंतजार कर रहा हूं। आजादी के लिए मैंने सबकुछ किया। बेहद भावुक नजर आ रहे दत्त ने कहा, मैं आज अपने पिता की कमी महसूस करता हूं। काश वह जीवित होते और यह दिन देखते। अगर वह जिंदा होते तो सबसे ज्यादा खुश होते। न्यायमूर्ति पी डी कोडे द्वारा दत्त को विस्फोटों के मामले में साजिश के आरोप से बरी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर अभिनेता ने कहा, अदालत ने कहा था कि मैं आतंकवादी नहीं हूं। वह बड़ी बात थी। उच्चतम न्यायालय ने भी इसे बरकरार रखा। काश मेरे पिता यह सुनने के लिए जीवित होते।

Advertisement

हिंदी फिल्मों के मशहूर कलाकारों सुनील दत्त और नर्गिस के बेटे संजय मुंबई में बांद्रा स्थित अपने घर पर लौटे जहां उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी भव्य और भावभीनी अगवानी की। इनमें उनके दोनों बच्चे और बहनें नम्रता तथा प्रिया दत्त शामिल थीं। संजय के घर की ओर जाने वाले रास्तों पर वेलकम बैक संजू बाबा, बांद्रा ब्वाॅय संजय दत्त की वापसी पर बांद्रावासी उनका स्वागत करते हैं जैसे होर्डिंग लगाए गए थे। इनमें संजय की छोटी उम्र की तस्वीर भी लगाई गई, जिसमें वह अपनी मां के साथ नजर आ रहे हैं। उनकी इमारत इंपीरियल हाइट्स के बाहर द्वार पर संजय के दिवंगत पिता और नेता सुनील दत्त की तस्वीर भी लगाई गई थी। तस्वीर के साथ संदेश लगा था, दत्त साहब अमर रहें। संजय के प्रशंसकों को बेसब्री के साथ उनके लौटने का इंतजार करते देखा गया।

सजा के दौरान कई बार छूट और फरलो दिए जाने पर हुई आलोचनाओं के संबंध में दत्त ने कहा, यह गलत धारणा है। इसका मेरे सेलिब्रिटी होने से कोई लेनादेना नहीं है क्योंकि मुझे कई सारी चीजें नहीं करने दी गईं। बल्कि हो सकता है कि सेलिब्रिटी होना मेरे खिलाफ रहा हो। जब दत्त से पूछा गया कि जेल में कल उनका आखिरी दिन कैसा बीता तो उन्होंने कहा कि वह सोए नहीं और पिछले चार घंटे से उन्होंने कुछ नहीं खाया। संजय ने अपनी पत्नी मान्यता के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि वह उनकी बेटर हाफ नहीं, बेस्ट हाफ हैं।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: सजा, जेल, बाॅलीवुड, अभिनेता, संजय दत्त, आतंकवादी, मुंबई विस्फोट, आतंकी, पुणे, यरवदा जेल, मुंबई, मीडिया, टाडा, साजिश, उच्चतम न्यायालय, आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, मान्यता दत्त, फिल्मकार, राजकुमार हीरानी, उच्चतम न्यायालय
OUTLOOK 25 February, 2016
Advertisement