Advertisement
20 January 2023

सुभाष घई की फिल्म ताल से जुड़ी हुई रोचक बातें

हिन्दी सिनेमा के मशहूर फिल्म निर्देशक सुभाष घई की फिल्म "ताल" को रिलीज हुए 23 साल हो गए हैं। 13 अगस्त 1999 को रिलीज हुईं ताल ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी।

 

रोचक ढंग से रखी गई नींव

Advertisement

 

साल 1995 में सुभाष घई फिल्म "शिखर" बना रहे थे। फिल्म में शाहरुख खान, जैकी श्रॉफ, मनीषा कोइराला मुख्य भूमिका में थे। संगीत ए आर रहमान का था। उन्हीं दिनों सुभाष घई की फिल्म "त्रिमूर्ति" रिलीज हुई। शुरुआती सफलता के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर सकी। मुकुल आनंद ने इस फिल्म का निर्देशन किया था। सुभाष घई फिल्म के निर्माता थे। त्रिमूर्ति के फ्लॉप होने से सुभाष घई को भारी आर्थिक नुक्सान हुआ। फिल्मी गलियारों में उनके कैरियर के खत्म होने की बातें उठने लगीं। सुभाष घई माहौल को समझ गए और उन्होंने "शिखर" फिल्म बीच में रोक दी। सुभाष घई ने फिल्म "परदेस" का निर्माण किया, जो सुपरहिट साबित हुई। परदेस के हिट होने से सुभाष घई में फिर से हिम्मत लौट आई। सुभाष घई ने अपनी अगली फिल्म बनाने की योजना बनाई। यह फिल्म "ताल" थी। 

 

 

ताल के लिए प्रेम कहानी को चुना

 

सुभाष घई ने अपनी फिल्म "ताल" के लिए प्रेम कहानी को चुना। यह पहला अवसर था, जब सुभाष घई विशुद्ध प्रेम कहानी बना रहे थे। इस फिल्म के केंद्र में इश्क था। एक सच्चा इश्क। इससे पहले सुभाष घई की फिल्में दोस्ती, अपराध, देशप्रेम, भारतीय महिला के संस्कार और सपनों पर आधारित होती थी। सुभाष का मानना था कि लड़की के पीछे भागना, गाने गाना, घर से बगावत करना, मर जाना बेवकूफी होती है। इससे उन्हें खालिस बॉलीवुड प्रेम कहानियों से परहेज था। लेकिन ताल में उन्हें कुछ नया, ताजगी से भरा हुआ एहसास मिला। 

 

 

कई फेरबदल के बाद हुई कास्टिंग 

 

सुभाष घई फिल्म के लिए आमिर खान, महिमा चौधरी और गोविंदा को लेना चाहते थे। लेकिन किन्हीं कारणों से आमिर खान ने फिल्म नहीं की। गोविंदा उन दिनों स्टार थे। उनकी हर फिल्म कामयाब हो रही थी। ऐसे में उन्होंने विक्रांत का किरदार निभाने से इंकार कर दिया। उन्हें लगा कि करियर के शीर्ष पर उन्हें सेकेंड लीड रोल नहीं करना चाहिए। महिमा चौधरी ने परदेस फिल्म करते हुए एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इसके मुताबिक उन्हें अपनी पहली तीन फिल्में सुभाष घई के साथ करनी थीं। लेकिन परदेस की कामयाबी के बाद महिमा चौधरी दूसरे निर्देशकों के साथ काम करने चली गईं। इस कारण सुभाष घई ने उन्हें अपनी फिल्म से हटा दिया। तब फिल्म में अक्षय खन्ना, अनिल कपूर और मनीषा कोइराला को लिया गया। किन्हीं कारणों से मनीषा फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाईं और ऐश्वर्या राय को मानसी का रोल मिला। अनिल कपूर ने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि ऑस्कर से सम्मानित फिल्म "स्लमडॉग मिलेनियर" के निर्देशक ने फिल्म "ताल" में उनकी प्रस्तुति देखकर ही उन्हें अपनी फिल्म में रोल दिया था। 

 

बहुत मेहनत से तैयार हुआ संगीत

 

ताल फिल्म की जान इसका संगीत है। संगीत निमार्ण से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें हैं। सुभाष घई के मन में ए आर रहमान को फिल्म के लिए साइन करने की इच्छा थी। मगर वह दुविधा में थे। कारण यह था कि फिल्म ताल उत्तर भारत की फिल्म थी और इसका संगीत भी उत्तर भारतीय संगीत होना था। जबकि ए आर रहमान कर्नाटक संगीत के लिए प्रसिद्ध थे। दूसरी दिक्कत यह थी कि ए आर रहमान को हिन्दी नहीं आती थी। इस कारण उन्हें गीत के बोल समझने में बहुत परेशानी होती थी। लेकिन सुभाष घई ने ठान लिया था कि ए आर रहमान ही फिल्म का संगीत का निर्माण करने। सुभाष घई मुंबई से ए आर रहमान के पास दक्षिण भारत पहुंचे। उन्होंने आनंद बख़्शी के लिखे गीतों का अंग्रेजी में अनुवाद किया और एक एक लाइन का मतलब ए आर रहमान को समझाया। ए आर रहमान का रूटीन था कि वह रात 8 बजे से सवेरे 8 बजे तक संगीत बनाते थे। सुभाष घई को भी इसी रूटीन में ढलना पड़ा। दोनों ने रात भर जागकर ताल का संगीत तैयार किया। ताल रिलीज हुई तो इसका संगीत देश और विदेश में हिट हुआ। सुभाष घई और रहमान की मेहनत रंग लाई।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Taal, Subhash Ghai, Aishwarya Rai, Akshay Khanna, Anil Kapoor, Bollywood, Hindi cinema, Entertainment Hindi films news, facts related to film Taal,
OUTLOOK 20 January, 2023
Advertisement