Advertisement
06 June 2025

इस तरह हुआ महिमा चौधरी का हिन्दी फिल्मों में डेब्यू

13 सितंबर सन 1973 को पैदा हुईं महिमा चौधरी हिन्दी सिनेमा की बेहद आकर्षक अभिनेत्री के रूप में याद की जाती हैं। हिन्दी सिनेमा में महिमा चौधरी का पदार्पण भी बेहद रोचक ढंग से हुआ।

हिन्दी सिनेमा के सफल निर्देशक सुभाष घई अपनी फिल्म " परदेस" बना रहे थे। इससे पहले साल 1995 में सुभाष घई के बैनर मुक्ता आर्ट्स द्वारा त्रिमूर्ति का निर्माण किया गया था। त्रिमूर्ति में सुभाष घई निर्माता थे। फिल्म का निर्देशन मुकुल आनंद के जिम्मे था। फिल्म में अनिल कपूर, शाहरूख खान और जैकी श्रॉफ जैसे बड़े नाम थे। फिल्म को रिलीज के पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कामयाबी भी मिली। लेकिन आने वाले दिनों में फिल्म का कारोबार और प्रतिक्रियाएं सकारात्मक नहीं आईं। इस कारण फिल्म से वो रिस्पॉन्स नहीं मिला, जो सुभाष घई चाहते थे। फिल्म फ्लॉप हो गई और लोग सुभाष घई के करियर पर सवाल उठाने लगे। इन सबको किनारे रखते हुए सुभाष घई ने अपनी नई फिल्म की शुरूआत की।

जब फिल्म की कहानी लिख दी गई तो बारी आई किरदारों की कास्टिंग की। सुभाष घई फिल्म में नए कलाकारों को कास्ट करना चाहते थे। उनके मन में था कि फिल्म में नए चेहरे नजर आएं। इसके ठीक विपरीत सुभाष घई की टीम का मानना था कि फिल्म में बड़े और स्थापित कलाकारों ही ही कास्टिंग होनी चाहिए अन्यथा फिल्म को खरीददार नहीं मिलेंगे। सुभाष घई की टीम जहां फिल्म में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और सलमान खान को शामिल करने की जिद पर अड़े रहे वहीं सुभाष घई तय कर चुके थे कि वह किसी भी कीमत पर नए चेहरों को लेकर ही फिल्म बनाएंगे। इस निर्णय के पीछे एक ठोस वजह थी। वजह यह थी कि सुभाष घई ने जो कहानी लिखी थी, उसके अनुसार अभिनेत्री का किरदार मासूम, भोली लड़की का था। जबकि माधुरी दीक्षित के स्टारडम के कारण, उस भोलेपन और मासूमियत को स्क्रीन पर जीवित करना और दर्शक को यकीन दिलाना बहुत मुश्किल था। इसलिए सुभाष घई ने तय किया था कि वह किसी बड़ी स्टार की जगह एक नई अभिनेत्री को मौका देंगे। फिल्म में गंगा का किरदार एक नई लड़की ही निभाएगी। चूंकि सुभाष घई कैप्टन ऑफ शिप थे, सो उनकी बात मान ली गई। 

Advertisement

सुभाष घई ने गंगा की कास्टिंग शुरु की तो कई चेहरे उनके सामने आए। मगर किसी में उन्हें गंगा की झलक नहीं दिखी। इसी सिलसिले में महिमा चौधरी, सुभाष घई के ऑफिस पहुंची। तब तक महिमा चौधरी विज्ञापन फ़िल्में, मॉडलिंग आदि करती थीं। सुभाष घई और महिमा चौधरी की मुलाकात हुई तो शुरूआत में सुभाष घई पर खास असर नहीं पड़ा। तब महिमा चौधरी ने चश्मा पहना हुआ था। मगर चश्मा उतार कर रखने के बाद,जब सुभाष घई ने महिमा चौधरी का इंटरव्यू लिया, तब किसी विशेष बात पर महिमा चौधरी जोरों से हंसी थीं। सुभाष घई को जो प्यार, जो भोलापन गंगा के किरदार में चाहिए था, वह महिमा चौधरी की आँखों में छलकता था। इसके अलावा महिमा चौधरी की हाइट छोटी थी। महिमा चौधरी की हंसी, आंखें और हाइट देखकर सुभाष घई ने तय कर लिया कि गंगा का किरदार महिमा ही निभाएंगी। इस तरह महिमा चौधरी ने हिन्दी सिनेमा में पहला कदम रखा और उन्हें अपनी पहली ही फिल्म के लिए "बेस्ट फीमेल डेब्यू" के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Mahima chaudhary debut in indian film industry, bollywood, hindi movies, entertainment Hindi films news,
OUTLOOK 06 June, 2025
Advertisement