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03 October 2015

नहीं चमक सका रफ्तार सिंह

यह फिल्म चल जाएगी, क्योंकि ऐसी नॉनसेंस कॉमेडी और अक्षय के दीवानों की कमी नहीं है। और एक खास बात इसका संगीत है जो बिना सिर-पैर के शब्दों और पंजाबी धुनों पर बना है जो शादी-ब्याह में बहुत काम आता है। कम से कम शादी के इस मौसम में डीजे को नया गाना बजाने का तनाव बहुत हद तक कम हो जाएगा। फिर चाहे वह टुंग-टुंग हो, दिल करे चूं-चें, नौ से बारह मम्मा करेंगे तम्मा-तम्मा-तम्मा।

चूंकि फिल्म को चलाने के लिए एक कहानी चाहिए तो कहानी जैसा कुछ इसमें भी है। कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा टाइप पंजाब के एक छोटे से गांव में रहता है रफ्तार सिंह (अक्षय कुमार)। नाकारा, नालायक, लगभग बुद्धिहीन। फिर उसे मिलती है सारा। सारा के बहाने की आती है एमिली। फिर कुछ झटक टाइप के गाने, एक दो फूहड़ कॉमोडी सीन्स, थोड़ा सा इमोशन का तड़का, फिर ढिशुम-ढिशुम और बस 140 मिनट खत्म।

ऐमी जैक्सन ने बहुत शानदार एक्शन सीन दिए हैं और लारा इतनी अच्छी कॉमेडी कर सकती हैं, इसका विश्वास करना कठिन है। केके मेनन लगता है भयंकर बेरोजगारी से गुजर रहे है, तभी शायद ऐसा फालतू रोल उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

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औसत से कम दर्जे की इस फिल्म को अक्षय के भक्त ही चला पाएं तो ठीक वरना यह चमकीला सरदार बस संगीत के चार्ट में गानों के लिए ही जाना जाएगा। निर्देशक प्रभु देवा को भी शायद दूसरा ट्रेक पकड़ना पड़े। एक जैसी फिल्में बना कर वह आगे कुछ नहीं कमा पाएंगे।

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TAGS: singh is bling, amy jacksom, lara datta, akshaya kumar, prabhu deva, सिंह इज ब्लिंग, ऐमी जैक्सन, लारा दत्ता, अक्षय कुमार, प्रभु देवा
OUTLOOK 03 October, 2015
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