अनुष्का-रणवीर की केमेस्ट्री
आमिर खान ने आपको नई पीढ़ी का प्रतिभाशाली नायक कहा, वरुण धवन ने बदलापुर में अपनी छवि तोड़ने के लिए आपको श्रेय दिया कैसा लगा?
आमिर खान बहुत बड़े कलाकार हैं। किसी को भी उनके मुंह से यह सब सुनना अच्छा लगेगा। वरिष्ठ होने के कारण मैं ध्यान से उनकी सलाह सुनता हूं। वरुण धवन ने जब बदलापुर फिल्म के किरदार की छवि की वजह मुझे बताया तो वाकई बहुत खुशी हुई थी।
सुना है यदि आपको कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिल जाए तो आप दुनिया भूल जाते हैं?
मेरी बहुत छोटी सी दुनिया है। थोड़े से पर गहरे दोस्त हैं। सोशल मीडिया पर चैट नहीं करता या यूं कह लीजिए पीढ़ियों से चले आ रहे खानदानी फिल्मी जूनून का हिस्सा मुझ में भी है। जब कोई फिल्म पूरी हो जाती है तो फिर अपनी दुनिया में भी लौट आता हूं। जब तक किरदार में डूबूंगा नहीं श्रेष्ठ कैसे दूंगा।
आपकी पहली ही फिल्म फ्लॉप हो गई थी। उसके बाद कुछ औसत रही तो कुछ फ्लॉप। नाकामियाबी डराती है?
इंडस्ट्री में शायद ही कोई ऐसा स्टार हो जिसने असफलता का स्वाद न चखा हो। मैंने अपनी शहरी छवि तोड़ने के लिए बेशरम की थी। जहां तक रॉय का सवाल है तो मेरे दोस्त विक्की (विक्रमजीत सिंह) ने मदद मांगी थी कि मैं दस दिन का काम कर लूं तो उसकी फिल्म में कोई पैसा लगा देगा। सही मायने में वह मेरी फिल्म थी भी नहीं।
निजी रिश्ते करिअर पर प्रभाव पड़ा?
यह तोहमत मुझ पर जरूर लगी कि निजी संबंधों के कारण अभिनय से मेरा ध्यान हट गया है। पर ऐसा कभी नहीं रहा। मैंने शुरू से ही काम और रिश्ते को अलग रखा है। मैं मीडिया से कम सरोकार रखता हूं। कुछ उल्टा सीधा छपे भी तो खंडन नहीं करता।
बॉम्बे वेल्वेट का अनुभव कैसा रहा?
बहुत ही बढ़िया। मेरा काम देख कर कोई भी समझ सकता है कि मैंने इसके लिए मेहनत की और यह मेहनत रंग लाई।
सोनी कुड़ी अनुष्का के जवाब
पीके के साथ-साथ बॉम्बे वेलवेट की शूटिंग शुरू हुई थी। दो अलग-अलग निर्देशकों की अलग तरह की फिल्में करने का अनुभव कैसा रहा?
दोनों पटकथाओं का मिजाज अलग था। पीके में अलग दिखने के लिए मुझे बाल कटवाने थे। अनुराग जी इसके लिए राजी नहीं हुए। दोनों फिल्मों के निर्देशक भले ही अलग थे पर दोनों ही अपने कलाकारों को काम करने की पूरी आजादी देते हैं। इसलिए कुछ खास परेशानी नहीं हुई।
रणवीर कपूर के साथ काम का अनुभव कैसा रहा?
रणवीर पहले से ही मेरे अच्छे मित्र रहे हैं। उनके साथ काम करना अच्छा अनुभव था। वह बहुत सहज और अभिनय के मामले संजीदा है।
विराट कोहली को भारत का ‘मोस्ट डिजायरेबल मैन’ घोषित किया गया। आपको कैसा लगा?
(चहकते हुए) सातवें आसमान पर हूं। मैं चाहती हूं वह हमेशा इस कैटेगरी में अव्वल रहें।
दोस्ती रिश्ते में कब तब्दील हो रही है?
घूम फिर कर सवाल यहीं अटक जाता है। जब भी रिश्ता बनेगा, धूम-धड़ाके और शोर शराबे के साथ सबको बताकर होगा। सभी की दुआएं और आशीर्वाद के साथ होगा। अभी इसमें वक्त है।
प्रियंका की मैरी कॉम, रानी मुखर्जी की मर्दानी और कंगना की क्वीन के बाद आप भी एनएच10 से सफल महिला प्रधान फिल्मों की श्रेणी में आ गईं?
इस पर वाकई मैंने बहुत मेहनत की थी। बहुत विषम परिस्थितियों में इसकी शूटिंग पूरी की। लोगों ने फिल्म को पसंद किया इसका क्रेडिट सिर्फ मुझे नहीं पूरी टीम को मिलना चाहिए।
बॉम्बे बेलबेट में रोजी के किरदार के लिए क्या होमवर्क किया?
ज्यादा कुछ नहीं। अनुराग सर की टीम ने पहले ही हमारे लुक्स से लेकर हाव-भाव तक पर अच्छा खासा शोध कर रखा था। रोजी का किरदार जटिल था पर अनुराग जी हमसे काम करा ही लिया।
अपने करिअर से संतुष्ट हैं?
मुझे खुशी है कम समय में ही मैंने अलग-अलग निर्देशकों के साथ अलग-अलग किस्म के करदार निभाए हैं। मैं फिल्मों की गिनती पर नहीं गुणवत्ता पर ध्यान देती हूं।