श्रीदेवी : हिन्दी सिनेमा में सौन्दर्य की देवी
आज श्रीदेवी की जयंती है। 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में जन्म लेने वाली अभिनेत्री श्रीदेवी हिन्दी सिनेमा में सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं। उन्हें हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार की तरह देखा जाता है। जिस तरह की दीवानगी दर्शकों में श्रीदेवी के प्रति थी, वैसी अन्य किसी अभिनेत्री के प्रति नहीं दिखाई देती।
बाल कलाकार के रुप में शुरूआत की
श्रीदेवी ने मात्र 4 वर्ष की आयु में बतौर बाल कलाकार फिल्मों में अपनी शुरूआत की। उन्होंने कई सफल तमिल, तेलुगु फिल्मों में अभिनय किया। सन 1979 में हिंदी फिल्म "सोलवां सावन" से श्रीदेवी हिन्दी सिनेमा में दाखिल हुई। फिल्म "हिम्मतवाला" से श्रीदेवी ने स्टारडम हासिल की। इस फिल्म के उनकी गिनती देश की सबसे लोकप्रिय और महंगी अभिनेत्रियों में होने लगी।
जीतेंद्र के साथ सुपरहिट फिल्में बनाईं
श्रीदेवी ने अपने करियर में अभिनेता जीतेंद्र के साथ 16 फिल्मों में काम किया। इनमें हिम्मतवाला, तोहफा, घर संसार, मवाली, मकसद, सुहागन प्रमुख फ़िल्में रहीं। जीतेंद्र और श्रीदेवी की अद्भुत नृत्य क्षमता दर्शकों को बेहद पसंद आई।
साड़ी में लगती थीं बेहद खूबसूरत
श्रीदेवी साड़ी में बहुत खूबसूरत नजर आती थीं। यही कारण है कि हिंदी सिनेमा के तमाम निर्देशक उन्हें साड़ी में शूट करना पसंद करते थे। चांदनी, मिस्टर इंडिया, जांबाज जैसी फिल्मों में विशेष रूप से श्रीदेवी को साड़ी पहनाकर रोमांटिक गीत फिल्माए गए। "हर किसी को नहीं मिलता", "काटे नहीं कटते ये दिन ये रात", "तेरे मेरे होंटो पे" जैसे गीत इस बात की मिसाल हैं कि हिंदी सिनेमा में साड़ी में श्रीदेवी से अधिक सुंदर कोई अभिनेत्री नहीं नजर आई। निर्देशकों में एक किस्म की होड़ रहती थी कि कौन श्रीदेवी को साड़ी में सबसे सुंदरता के साथ दिखा पाएगा।
कमर्शियल और संजीदा अभिनय में माहिर
श्रीदेवी हिन्दी सिनेमा की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में शामिल रहीं, जिन्होंने कमर्शियल और संजीदा अभिनय पर बराबर पकड़ रखते हुए, अपनी पहचान बनाई। जहां एक तरफ श्रीदेवी ने हिम्मतवाला, चालबाज़ और तोहफा जैसी कमर्शियल फिल्मों में काम किया, वहीं सदमा जैसी संवेदनशील फिल्म में अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को अपना मुरीद बनाया।
बोनी कपूर से विवाह किया
बोनी कपूर के दिल में श्रीदेवी के प्रति गजब का आकर्षण था। वह किसी भी कीमत पद श्रीदेवी को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। फिल्म मिस्टर इंडिया के निर्माण के समय बोनी कपूर ने निर्देशक शेखर कपूर से कहा कि उन्हें किसी भी कीमत पर फिल्म में बतौर हीरोइन श्रीदेवी चाहिए। तब एक महंगी फीस के साथ श्रीदेवी फिल्म का हिस्सा बनीं। बोनी कपूर पर श्रीदेवी का जादू इस तरह का था कि उन्होंने दुनिया जहान की परवाह न करते हुए अपना पूरा सामर्थ्य लगाया और श्रीदेवी से शादी की।