Advertisement
14 August 2022

शम्मी कपूर : हिन्दी सिनेमा का खुद्दार राजकुमार

Wikipedia

आज शमशेर राज कपूर उर्फ शम्मी कपूर की पुण्यतिथि है। 14 अगस्त 2011 को शम्मी कपूर का निधन हो गया था। मगर शम्मी कपूर की ऊर्जा और जिंदादिली चारों दिशाओं में इस तरह से फैली हुई है कि ऐसा कभी महसूस नहीं होता कि वह दुनिया में नहीं है। शम्मी कपूर की फिल्में, उनके गीत आज भी रोमांचित करते हैं। 

 

 

Advertisement

 

बनना चाहते थे इंजीनियर

 

 

शम्मी कपूर को पढ़ने का शौक था। वह स्पेस साइंस और मिसाइल टेक्नोलॉजी में काम करना शुरू चाहते थे। इस दिलचस्पी की कोई ठोस वजह तो नहीं बताई जा सकती लेकिन शम्मी कपूर फिल्म और रंगमंच की जगह इंजीनियरिंग क्षेत्र में जाना चाहते थे। पिता पृथ्वीराज कपूर ने उन्हें पूरी स्वतंत्रता दी। शम्मी कपूर जब कॉलेज में पढ़ाई करने गए तो कुछ ही दिनों में उनका मोहभंग हो गया। वह अपने कॉलेज में कम और अपने दोस्तों के कॉलेज में अधिक समय बिताते। शम्मी कपूर को समझ आ गया था कि पढ़ाई लिखाई में उनका मन नहीं। शम्मी कपूर ने तब कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी। 

 

 

 

पृथ्वी थियेटर किया ज्वॉइन

 

 

शम्मी कपूर ने कॉलेज छोड़ने के बाद अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ काम करना शुरू किया। तकरीबन 4वर्षों तक शम्मी कपूर ने 50 रूपए महीना की तनख्वाह पर पृथ्वी थियेटर में काम किया। इस दौरान उन्होंने खूब सीखा। यहीं एक नाटक के मंचन के दौरान उन्हें निर्देशक महेश कौल ने देखा तो अपनी फिल्म "जीवन ज्योति" में मौका दिया। 

 

 

 

शुरुआती फिल्में रहीं फ्लॉप मगर खुद्दारी नहीं छोड़ी

 

शम्मी कपूर की शुरुआती फिल्में फ्लॉप साबित हुई। उस दौर में राज कपूर, देव आनंद और दिलीप कुमार का जलवा था। शम्मी कपूर कई वर्षों तक फिल्म बनाते रहे, मेहनत करते रहे लेकिन सफलता उनसे दूर रही। बहुत मुमकिन था कि शम्मी कपूर अपने भाई राज कपूर की फिल्म करते, अपने पिता पृथ्वीराज कूपर से मदद मांगते। लेकिन शम्मी कपूर ने संघर्ष का दामन नहीं छोड़ा। "दिल देके देखो", "तुम सा नहीं देखा", "कश्मीर की कली" और "जंगली" शम्मी कपूर ने अपने दम पर अपनी कायमाबी का परचम लहराया। 

 

 

 

आइडेंटिटी क्राइसेस से गुजरे शम्मी कपूर

 

 

शम्मी कपूर अक्सर कहते थे कि उन्हें एक बात ने हमेशा दुख दिया है। और वह बात ये कि उनके पिता पृथ्वीराज कपूर, उनके भाई राज कपूर, उनकी पत्नी गीता बाली की कामयाबी से हमेशा उन्हें जोड़कर देखा जाता रहा। जब उनकी फिल्में नहीं चल रही थीं तो इस तुलना के कारण हर दिन उनके दिल को चोट पहुंचती थी। उन्हें महसूस होता कि जैसे उनका कोई महत्व नहीं है। 

 

 

 

 

 

गीता बाली ने दिया अंतिम सांस तक साथ

 

शम्मी कपूर का कहना था कि उनके जीवन में जो एकमात्र इंसान उनकी काबिलियत पर पूर्ण विश्वास करता था, उसका नाम गीता बाली था। शम्मी कपूर कहते थे कि चाहे कैसा भी समय हो, गीता बाली ने हमेशा उन पर यकीन किया। गीता बाली को सदा यकीन था कि शम्मी कपूर एक दिन कामयाब बनेंगे। शम्मी कपूर के मुताबिक उन्होंने खराब दौर से बाहर निकलकर जब फिल्में चुनीं तो इस चुनाव में हमेशा गीता बाली साथ रहीं। शम्मी कपूर ने फिल्म जंगली, तीसरी मंजिल का चुनाव गीता बाली के सहयोग से ही किया था। गीता बाली की आकस्मिक मृत्यु ने शम्मी कपूर को अकेला कर दिया। 

 

 

पिता के साथ था नजदीकी रिश्ता 

 

शम्मी कपूर को शराब और सिगरेट पीने की आदत थी। इस कारण वह हमेशा पिता पृथ्वीराज कपूर से एक दूरी बनाकर रखते थे। उनके भीतर एक लिहाज था पिता का। जब शम्मी कपूर ने गीता बाली से विवाह किया तो पिता को सूचना देकर भोपाल पहुंचे। पृथ्वीराज कपूर तब भोपाल में नाटक कर रहे थे। भोपाल पहुंचकर शम्मी कपूर ने पृथ्वीराज कपूर से आशीर्वाद लिया और वादा किया कि वह अब अधिक से अधिक समय उनके साथ बिताएंगे। शम्मी कपूर ने अपना वादा निभाया। उनके बीच की झिझक खत्म हो गई। शम्मी कपूर अब अपने पिता के साथ ही शराब के पैग पीते और खूब सारी बातें करते। शम्मी कपूर का कहना था कि इस तरह उन्हें अपने पिता के साथ खूब समय बिताने का मौका मिला। 

 

 

 

 

 

दूसरी पत्नी नीला ने निभाया प्रेमपूर्ण संबंध 

 

शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली के निधन के बाद राज कपूर और उनकी पत्नी ने शम्मी कूपर की दूसरी शादी के लिए कोशिश शूरू की। यह कोशिश नीला तक पहुंची। जब शम्मी कपूर को इसकी सूचना दी गई तो शुरूआत में वह सहज नहीं थे। उन्हें यह सोचकर अजीब लग रहा था कि उनकी जिंदगी, उनके अकेलेपन और उनके बच्चों को एक लड़की पर थोपा जा रहा था। शम्मी कपूर ने एक रात नीला को फोन लगाया और अपने भीतर की सब बातें कह सुनाई। शम्मी कपूर ने नीला से कहा कि यदि सब कुछ जानने, समझने के बाद भी तुम मुझसे शादी करना चाहती हो तुम्हारा हमेशा के लिए स्वागत है। नीला को शम्मी कपूर का साथ मंज़ूर था। अगले ही दिन शम्मी कपूर के घर में दोनों ने अग्नि के साथ फेरे लेकर एक दूसरे का साथ स्वीकार किया। 

 

 

 

 

रेबेल स्टार के नाम से जाने गए

 

 

एक दौर था जब हिंदी सिनेमा में केवल तीन अभिनेताओं का वर्चस्व था। ये नाम थे राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद। इनके अलावा सभी एक्टर्स को निचले पायदान पर रखा जाता था। उनकी कोई आवाज नहीं होती थी। मगर शम्मी कपूर ने इस बात को चुनौती थी। "दिल देके देखो", "तुम सा नहीं देखा", "जंगली", " कश्मीर की कली", "ब्रह्मचारी", "अंदाज" से न केवल शम्मी कपूर ने तीनों अभिनेताओं के वर्चस्व को चुनौती दी बल्कि अपनी पहचान भी स्थापित थी। 

 

 

 

 

मोहम्मद रफी के साथ जमाया रंग 

 

मोहम्मद रफी की महानता यही है कि उन्होंने देव आनंद और शम्मी कपूर के लिए गीत गाए और दोनों ही के गीत अलग अंदाज में पेश किए। शम्मी कपूर के लिए गाते हुए मौहम्मद रफी ने जिस ऊर्जा, उत्साह, रोमांच को पैदा किया, उसे शम्मी कपूर ने बहुत खूबसूरती से सिनेमाई पर्दे पर जीने का काम किया। मोहम्मद रफी और शम्मी कपूर की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसन्द किया। 

 

राजेश खन्ना की आंधी से बदला जीवन 

 

शम्मी कपूर अपने करियर की ऊंचाइयों पर थे। तभी राजेश खन्ना नाम की आंधी ने फिल्म "आराधना" से दस्तक दी और एक के बाद एक 15 सुपरहिट फिल्मों की झड़ी लगा दी। शम्मी कपूर समझ गए कि अब उनका दौर जा रहा है। शम्मी कपूर ने सहजता से इस बात को स्वीकार किया। आने वाले दिनों में शम्मी कपूर ने चरित्र अभिनेता की तरह फिल्मों में काम करना जारी रखा। उन्होंने बतौर निर्देशक संजीव कुमार के साथ "मनोरंजन" और राजेश खन्ना के साथ "बंडलबाज " नाम की फिल्म बनाई। दोनों फिल्में कुछ खास नहीं कर सकीं। 

 

 

 

आध्यात्म में पाया जीवन का सुकून

 

महान योगी हैड़ाखान बाबा से शम्मी कपूर की मुलाकात सन 1974 में हुई। अगले दस वर्षों तक हैड़ाखान बाबा के साथ शम्मी कपूर ने जीवन की शांति महसूस की। शम्मी कपूर का रहन सहन, पहनावा सब आध्यात्मिक हो गया। शम्मी कपूर ने खुद को दुनिया की दौड़ से दूर कर लिया। वह कभी कभी कुछ अच्छे किरदारों में नजर आते रहे। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Shammi Kapoor, shammi kapoor death anniversary, article on shammi kapoor, shammi Kapoor great films, junglee, tumsa nahin dekha, dil deke dekho, andaj, Bollywood, Hindi cinema, Entertainment Hindi news
OUTLOOK 14 August, 2022
Advertisement