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07 January 2023

साहिर और अमृता की खूबसूरत मोड़ पर छूटी प्रेम कहानी

अमृता के जीवन में जो दो मुख्य पुरुष आए, वह साहिर और इमरोज थे। इन्हीं के कारण अमृता जीते जी एक किवदंती बन गईं। इनके इश्क के किस्से खूब मशहूर हुए। अमृता प्रीतम गीतकार साहिर लुधियानवी से बहुत प्रेम करती थीं। इस प्रेम का कारण था साहिर की शायरी। अमृता को साहिर की शायरी से दीवानगी की हद तक प्रेम था। साहिर इस बात को जानते थे। 

 

साहिर को भी अमृता से प्रेम था मगर साहिर ने कभी हिम्मत नहीं दिखाई। कभी खुलकर अमृता से प्यार का इजहार नहीं किया। इसके कई कारण हो सकते हैं। कयास लगाए जाते हैं कि साहिर ने बचपन में अपनी मां और पिता के दुखद वैवाहिक संबंध को बहुत नजदीक से देखा था। इस कारण वह आजीवन अपनी मां के बहुत करीब रहे। साहिर की मां ने बहुत दुख उठाकर उन्हें पाला था। शायद वह अपना समय, अपना प्यार साझा करने से डरते थे। इसलिए उन्होंने अकेलापन चुन लिया। 

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साहिर लुधियानवी ने कभी अमृता का हाथ नहीं थामा। साहिर अकेले रहे और यह कष्ट अमृता को हमेशा पीड़ा देता रहा। अमृता प्रीतम जब भी साहिर से मिलती तो दोनों एक कमरे में चुपचाप बैठे रहते। साहिर न के बराबर बात करते थे। अमृता इस खामोशी को पढ़ने की कोशिश करती रहतीं। साहिर की अधूरी रह गईं सिगरेट को अमृता जलाकर पीती थीं और इस तरह उन्हें सिगरेट और साहिर की लत लग गई। अमृता को साहिर से मिलवाने के लिए इमरोज अपने स्कूटर पर ले जाते थे। रास्ते में अमृता इमरोज की पीठ पर उंगली से साहिर लिखा करती थीं।

 

अमृता ने साहिर के नाम नज्म लिखी तो उसे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। अमृता के खतों को साहिर सीने से लगाकर घूमा करते थे। साहिर सभी को बताते फिरते कि अमृता ने उनके नाम खत लिखे हैं, नज्म लिखी है। मगर अमृता को यह अफ़सोस रहा कि उनकी नज्म, उनके खत पढ़कर भी साहिर की खामोशी नहीं टूटी। साहिर अंत तक अकेले रहे और 25 अक्टूबर को इस दुनिया से चले गए। साहिर तो चले गए मगर उनकी और अमृता की कहानी हमेशा के लिए अमर हो गई। 

 

 

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TAGS: Amrita Pritam, Sahir Ludhianvi, Bollywood, Hindi cinema, Indian cinema, Entertainment Hindi films news,
OUTLOOK 07 January, 2023
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