कैसे बने साजिद - वाजिद फ़िल्म इंडस्ट्री के चहेते संगीतकार
साजिद खान - वाजिद ख़ान भारतीय फ़िल्म संगीत के सफल संगीतकारों की सूची में शामिल रहे हैं।इनकी संगीत यात्रा बेहद दिलचस्प रही है।साजिद - वाजिद के पिता मशहूर तबला वादक थे। फिल्मी गानों में भी उन्होंने तबला वादन किया था। उनके साथ साजिद - वाजिद भी रिकॉर्डिंग स्टूडियो में जाते थे। इस तरह संगीत और फ़िल्मों में साजिद - वाजिद की दिलचस्पी बढ़ रही थी।
वाजिद को गिटार बजाने का शौक़ था। वह कई संगीतकारों के लिए काम करते थे।एक दिन रिकॉर्डिंग के दौरान एक गिटारिस्ट ने गड़बड़ी कर दी। जब संगीतकार ने पूछा कि किसने गलती की है तो गिटारिस्ट ने वाजिद ख़ान को फंसा दिया।वाजिद अपने सीधे स्वभाव के कारण चुप रहे।संगीतकार ने वाजिद को काफी भला बुरा कहा और रिकॉर्डिंग रूम से जाने के लिए कहा।
वाजिद ने अपना गिटार पैक किया और स्टूडियो से बाहर निकलने लगे कि उनकी नज़र रिकॉर्डिंग रूम के बाहर खड़े उनके पिता पर पड़ी। उनके पिता की आंखों में मायूसी थी।यह बात वाजिद को चुभ गई।
वाजिद घर पहुंचे तो उनकी चुप्पी, उदासी भाई साजिद को नज़र आई। साजिद ने जब वाजिद से निराशा का कारण पूछा तो वाजिद ने पूरी कहानी कह सुनाई। साजिद ने भाई वाजिद से पूछा " संगीतकार कोई बहुत बड़ा आदमी होता है क्या ? "।वाजिद ने सहमति में सिर हिलाया।
इस पर साजिद बोले "बढ़िया, आज से हम भी म्यूज़िक डायरेक्टर बन जाते हैं, अब किसी और के लिए गिटार, तबला बजाना बन्द "।और इस तरह बॉलीवुड को एक काबिल संगीतकार जोड़ी मिली जिसने दबंग, वांटेड, पार्टनर जैसी कामयाब फ़िल्मों में संगीत दिया।