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30 January 2018

पद्मावत: स्वरा को राय रखने का अधिकार- बॉलीवुड

File Photo

आयुष्मान खुराना और निदेशक इम्तियाज अली जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने कहा है कि ‘पद्मावत’ में जौहर की आलोचना करने वाली स्वरा भास्कर अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि उन्हें फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा है।

बता दें कि स्वरा ने फिल्म में जौहर का महिमामंडन करने के लिए निदेशक संजय लीला भंसाली की आलोचना की थी। यह फिल्म महीनों के विवाद के बाद 25 जनवरी को रिलीज हुई है।

आयुष्मान ने कहा है कि हर कोई अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र है जबकि फिल्मकार के नजरिए का सम्मान करना चाहिए। अभिनेता ने मिर्ची म्यूजिक अवार्डस के रेड कारपेट पर कहा, ‘एक फिल्म दो काम करती है। या तो यह समाज को कुछ देती है या इससे कुछ लेती है। हर निर्देशक का अपना नजरिया होता है। हर कला की मंशा चर्चा और विमर्श करने की होती है। आलोचक होते हैं जो चर्चा करते हैं और फिर दर्शक होते हैं जो अपनी राय देते हैं। लिहाजा सबका अपना दृष्टिकोण होता है।’

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वहीं, अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने कहा कि फिल्म में यह दृश्य जौहर की याद दिलाता है, लेकिन कहानी सदियों पुरानी है। उन्हें नहीं लगता है कि भंसाली ने प्रथा को महिमामंडित किया है।

फिल्मकार रोहित शेट्टी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार दिया, क्योंकि वह चाहते हैं कि फिल्म शांतिपूर्ण तरीके से चले क्योंकि फिल्मकार पहले ही काफी झेल चुके है। उन्होंने कहा कि फिल्म को दर्शकों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए जिनके पास स्वीकार करने या खारिज करने का अधिकार है।

निदेशक इम्तियाज अली ने कहा कि उन्हें फिल्म में ऐसा कुछ नहीं दिखा जिसपर प्रदर्शन किया जाए। उन्होंने कहा, ‘पद्मावत में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका विरोध किया जाए लेकिन सबकी अपनी-अपनी राय होती है।’ 

स्वरा का भंसाली को ओपन लेटर 

गौरतलब है कि पिछले दिनों स्वरा ने भंसाली को ओपन लेटर लिखा है। लेटर की शुरुआत में स्वरा ने भंसाली की काफी प्रशंसा की है। उन्होंने एक विडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह फिल्म के खिलाफ हो रहे विरोध को लेकर भंसाली का समर्थन करती दिखती हैं। 

स्वरा की भंसाली से नाराजगी उस बात को लेकर है जो उन्होंने फिल्म में महिलाओं को 'वजाइना' के तौर पर सीमित कर दिया है। दरअसल, फिल्म के आखिर में रानी पद्मावती खुद की इज्जत की रक्षा के लिए जौहर कर लेती हैं। इस पर स्वरा ने कुछ पॉइंट्स उठाए हैं। उन्होंने लिखा-

 1. सर, महिलाओं को रेप का शिकार होने के अलावा जिंदा रहने का भी हक है।

 2. आप पुरुष का मतलब जो भी समझते हों- पति, रक्षक, मालिक, महिलाओं की सेक्शुअलिटी तय करने वाले...उनकी मौत के बावजूद महिलाओं को जीवित रहने का हक है।'

 3. महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं।

 4. हां, महिलाओं के पास यह अंग होता है लेकिन उनके पास और भी बहुत कुछ है। इसलिए लोगों की पूरी जिंदगी वजाइना पर केंद्रित, इस पर नियंत्रण करते हुए, इसकी हिफाजत करते हुए, इसकी पवित्रता बरकरार रखते हुए नहीं बीतनी चाहिए।'

 5. वजाइना के बाहर भी एक जिंदगी है। बलात्कार के बाद भी एक जिंदगी है।

 ऐसे ही कुछ और पॉइंट्स अपने लेटर में स्वरा ने लिखे हैं। उनका आरोप है कि भंसाली की फिल्म ऑनर किलिंग, जौहर, सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं का महिमामंडन करती है।

 

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TAGS: She is entitled, to her opinion, Bollywood, on Swara's letter
OUTLOOK 30 January, 2018
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