सोनू सूद को बांद्रा टर्मिनल पर प्रवासी श्रमिकों से मिलने से रोका गया
मुंबई में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने की व्यवस्था करने वाले अभिनेता सोनू सूद को बांद्रा टर्मिनल पर कथित रूप से आरपीएफ ने रोक लिया और श्रमिकों से मिलने नहीं दिया। सोनू सूद पर शिवसेना ने आरोप लगाया था कि वह ‘भाजपा की ओर से लिखी गई पटकथा पर काम कर रहे’ हैं।
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेता को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सोमवार रात में रोका था, वह कुछ श्रमिकों से मिलने स्टेशन पहुंचे थे। अधिकारी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। उस दौरान बांद्रा टर्मिनल से उत्तर प्रदेश जाने वाली विशेष श्रमिक ट्रेन रवाना होने वाली थी।
निर्मल नगर पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक शशिकांत भंडारे ने कहा, ‘‘अभिनेता को रेलवे पुलिस बल ने रोका न कि मुंबई पुलिस ने। वह गृह राज्य जा रहे कुछ श्रमिकों से मिलना चाहते थे। इस संबंध में हमें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।’’
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को आश्चर्य व्यक्त किया था कि कहीं लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे उत्तर भारतीय प्रवासियों को 'सहायता की पेशकश' करने के पीछे अभिनेता सोनू सूद को भाजपा का अंदरुनी तौर पर समर्थन हासिल तो नहीं था? इस राजनीतिक मकसद के साथ कि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को बदनाम किया जा सके।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के सामाजिक परिदृश्य में अचानक 'महात्मा' सूद के सामने आने को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने 2019 के आम चुनाव से पहले सामने आए सूद के एक स्टिंग ऑपरेशन का भी हवाला देते हुए कहा कि वह भाजपा नीत सरकार के कार्यों को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया खातों के जरिए विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रचार के लिए तैयार हुए थे।
हालांकि बाद में इसी दिन मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोनू सूद द्वारा लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था करने के लिए उनकी तारीफ की। अभिनेता ने उपनगरीय बांद्रा में रविवार रात ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में उनसे मुलाकात की। वहीं सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फिल्म अभिनेता सोनू सूद के कार्यों की सराहना करने के बदले महाराष्ट्र की महागठबंधन सरकार उनकी आलोचना कर रही है।