पुण्यतिथि विशेष : एसपी बालसुब्रमण्यम की पहली हिन्दी फिल्म का किस्सा
दक्षिण भारत के मशहूर फिल्मकार के. बालचंदर फिल्म 'एक दूजे के लिए' बना रहे थे। फिल्म के बालचंदर की ही तेलुगु फिल्म 'मारो चरित्र' का हिन्दी रूपांतरण थी। फिल्म में मुख्य भूमिका कमल हासन, रति अग्निहोत्री निभा रही थीं। फिल्म के गीत आनंद बख्शी ने लिखे थे। संगीत निर्देशन की जिम्मेदारी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की थी।
फ़िल्म के गीत - संगीत निर्माण के लिए कई म्यूजिक सिटिंग हुई।इस दौरान फ़िल्म में मुख्य पुरुष गायक के चुनाव को लेकर निर्देशक के .बालचन्दर और संगीतकार लक्ष्मीकान्त - प्यारेलाल में मतभेद की स्थिति पैदा हो गई।बात ये थी कि बालचन्दर हिन्दी वर्जन के गीत भी ओरिजिनल फ़िल्म " मारो चरित्र " के मुख्य पुरुष गायक एस .पी बालसुब्रमण्यम से गवाना चाहते थे। मगर लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल का ये मत था कि चूंकि एस .पी बालसुब्रमण्यम ने तब तक, अपने गायन करियर में एक भी हिंदी गीत नहीं गाया था, इसलिए उनका हिंदी गायकी के साथ पूरी तरह न्याय कर पाना मुश्किल था।
इस बीच के .बालचंदर ने संगीतकार लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल के आगे एक ऐसा तर्क रखा कि उन्हें के बालचंदर से सहमत होना पड़ा। के बालचंदर ने कहा कि चूंकि फ़िल्म का मुख्य पुरुष किरदार "वासु " दक्षिण भारत का निवासी है और अच्छी तरह से हिंदी नहीं बोल पाता है इसलिए ये ज़रूरी है उसका किरदार मद्रासी टच के साथ गाना गाए। यदि फिल्म में वासु का उत्कृष्ट हिंदी गायन दिखाया जाएगा तो यह दर्शकों को आकर्षित नहीं करेगा। दर्शक यकीन नही करेंगे कि एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति,जिसे हिंदी बोलनी नहीं आती, वह कैसे शुद्ध उच्चारण के साथ हिन्दी गीत गा सकता है। के बालचंदर की बात लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को बेहद प्रभावी लगी। वह फिल्म में एसपी बालसुब्रमण्यम को फिल्म में गवाने के लिए तैयार हो गए। इस तरह एसपी बालसुब्रमण्यम को पहली बार हिन्दी फिल्म में गाने का अवसर मिला।
यह भी गजब का संयोग रहा कि जिन एसपी बालसुब्रमण्यम को हिंदी गीत गवाने में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल संकोच कर रहे थे, फिल्म ' एक दूजे के लिए ' में उन्हीं के गाए गीत 'तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन ' के लिए एसपी बालसुब्रमण्यम को बेस्ट प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।