Advertisement
04 February 2023

जो स्टार किड्स नहीं: बपौती की मोहताज नहीं होती प्रतिभा

बॉलीवुड में कई शीर्ष के नायक-नायिका ऐसे हुए जिनके मां-बाप फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तो थे लेकिन हीरो-हीरोइन नहीं थे। इसके बावजूद उन्होंने कामयाबी की बुलंदियों को छुआ। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार सलमान खान, जिनके पिता सलीम खान हिंदी सिनेमा के सफल स्क्रिप्ट लेखक रहे हैं। सलमान की ही तरह अभिनेता फरहान अख्तर के पिता जावेद अख्तर ने भी बतौर स्क्रिप्ट राइटर अपनी पहचान बनाई, लेकिन फरहान ने काम पाने के लिए कभी भी अपने पिता का सहारा नहीं लिया।

इसी तरह अजय देवगन के पिता वीरू देवगन हिंदी सिनेमा के सफल एक्शन डायरेक्टर थे। एक्शन डायरेक्टर कोई ऐसा पद नहीं था जिसे अधिक चर्चा या महत्व मिलता हो। बावजूद इसके अजय देवगन को उनकी प्रतिभा और योगदान के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

अजय देवगन की ही तरह अभिनेता विकी कौशल के पिता भी फाइट मास्टर रहे हैं। विकी कौशल के पिता श्याम कौशल का हिंदी सिनेमा में लंबा संघर्ष रहा है। उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी जगह बनाई। जब विकी कौशल ने हिंदी सिनेमा में कदम रखा तो किसी को भी उनके फिल्मी बैकग्राउंड की जानकारी नहीं थी। विकी कौशल ने जो भी सफलता हासिल की, जो भी प्यार हासिल किया, वह अपनी परफॉर्मेंस, अपनी मेहनत, अपने समर्पण से हासिल किया है। विकी कौशल ने अपने शुरुआती दौर में मसान जैसी फिल्म में शानदार प्रस्तुति दी और आज वे हिंदी सिनेमा के सबसे चर्चित अभिनेता बन चुके हैं।

Advertisement

इसी तरह, ऐसे कई निर्देशक रहे हैं जिनके बच्चों ने अपनी प्रतिभा और लगन से मुख्य भूमिकाओं को निभा कर ऊंचा मुकाम हासिल किया है। निर्देशक महेश भट्ट की बेटी पूजा भट्ट और आलिया भट्ट इस बात का सबूत हैं कि सुपरस्टार बनने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पिता सुपरस्टार अभिनेता हों। नब्बे के दशक में पूजा भट्ट ने फिल्म सड़क, दिल है कि मानता नहीं, जख्म, चाहत जैसी फिल्मों से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। आलिया भट्ट वर्तमान समय में सबसे सफल अभिनेत्री बनकर सामने आई हैं। आलिया भट्ट ने हाईवे, उड़ता पंजाब, ब्रह्मास्त्र, टू स्टेट्स जैसी फिल्मों से स्टारडम के साथ साथ एक सशक्त अभिनेत्री का तमगा हासिल किया।

ठीक इसी तरह अभिनेत्री रवीना टंडन, जो निर्देशक रवि टंडन की बेटी हैं, उन्होंने अपने दम पर सुपरस्टार की छवि हासिल की। नब्बे के दशक में सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री का दर्जा हासिल करने वाली रवीना टंडन ने जो शोहरत पाई, उसमें विशुद्ध रूप से उनकी मेहनत और प्रतिभा थी। इससे प्रभाव नहीं पड़ा कि उनके पिता अभिनेता रहे या नहीं।

अभिनेता वरुण धवन और अर्जुन कपूर के पिता भी स्टार अभिनेता नहीं थे। जहां एक तरफ वरुण धवन के पिता डेविड धवन सफल निर्देशक थे, वहीं अर्जुन कपूर के पिता बोनी कपूर हिंदी सिनेमा के कामयाब निर्माता रहे। दिलचस्प बात यह है कि वरुण धवन और अर्जुन कपूर ने अपने पिताओं की फिल्मों से शुरुआत नहीं की। दोनों ही अभिनेताओं ने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई।

 

इसी प्रकार अभिनेता अनिल कपूर और संजय कपूर के पिता सुरेंद्र कपूर सफल फिल्म निर्माता थे। अनिल कपूर और संजय कपूर ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाई। अनिल कपूर और संजय कपूर तीन दशक से अपने काम से दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। हिंदी सिनेमा के गायक नितिन मुकेश और उदित नारायण के बच्चों ने भी अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। नील नितिन मुकेश और आदित्य नारायण ने फिल्मों में अभिनय किया और अपनी प्रतिभा के आधार पर दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। नील नितिन मुकेश ने जहां एक से बढ़कर विविधतापूर्ण किरदार निभाए और प्रशंसा पाई, वहीं आदित्य नारायण ने फिल्मों के बाद जब टीवी रियलिटी शो होस्ट की जिम्मेदारी संभाली तो सफलता के झंडे गाड़े।

 

ये सारे उदाहरण साबित करते हैं कि आपके भीतर प्रतिभा है, तो आप लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंच सकते हैं। कामयाबी के लिए यह मायने नहीं रखता कि आपकी पृष्ठभूमि क्या है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Star kids, Bollywood, Salman Khan, Ajay Devgan, Bollywood, Hindi cinema, Vicky kaushal, Indian films, star kids culture, Entertainment, arts and entertainment, Indian film industry,
OUTLOOK 04 February, 2023
Advertisement