गुमनामी में खो गए इस दलित क्रिकेटर पर फिल्म बनाएंगे तिग्मांशु
बालू दलित समुदाय के पहले सदस्य थे जिन्होंने इस खेल पर अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। अपने समय का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर होने के बावजूद बालू को दलित समुदाय का होने के कारण कभी टीम का कप्तान नहीं बनाया गया।
तिग्मांशु ने बताया, मैं गुमनाम नायकों के बारे में कहानियां बताना पसंद करता हूं। पान सिंह की तरह बालू पालवणकर का नाम भी क्रिकेट के बाहर अनजान है। उनकी कहानी भारत की कहानी है तथा क्रिकेट के अलावा और क्या बेहतर पृष्ठभूमि हो सकती है।
तिग्मांशु ने बताया कि विनय सिन्हा और प्रीति सिन्हा के प्रोडक्शन वाली इस फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू होने की संभावना है। अभी फिल्म निर्माता इस पर शोध कार्य समाप्त कर रहे हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. रामचंद्र गुहा इस पर शोध कार्य कर रहे हैं।
प्रीति ने कहा, तिग्मांशु ने रामचंद्र गुहा की एक किताब पढ़ी थी जिसमें बालू के बारे में एक अध्याय था। उन्होंने मुझे भी पढ़ने के लिए कहा क्योंकि कहानी बहुत आकर्षक थी। बालू ने ना केवल क्रिकेट खेला बल्कि बाद में राजनीति में भी आए थे। उनका जीवन वृतांत बड़े स्क्रीन पर दिखाने लायक है। उन्होंने बताया कि धूलिया और दरब फारूकी ने बालू की पटकथा लिखी है और नम्रता सिन्हा इसकी सह निर्माता हैं।
प्रीति का कहना है कि यह फिल्म नीरज पांडे निर्देशित एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी, अजहर और सचिन तेंदुलकर पर आगामी डॉक्यूमेंट्री जैसी फिल्मों की श्रृंखला में किसी क्रिकेटर पर एक अन्य बायोपिक होगी।