जन्मदिन विशेष: पिछत्तर बार रिजेक्ट होकर फ़िल्म " परिणीता " में शामिल हुईं विद्या बालन
मशहूर फ़िल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा फ़िल्म " परिणीता " के निर्माण की योजना बना रहे थे।फ़िल्म महान साहित्यकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास " परिणीता " पर आधारित थी।फ़िल्म का निर्देशन प्रदीप सरकार कर रहे थे। फ़िल्म में संगीत शांतनु मोइत्रा और गीत स्वानंद किरकिरे के थे।
विधु विनोद चोपड़ा के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि परिणीता के लिए ऐसी अभिनेत्री कास्ट की जाए जो परिणीता लगे, न कि सुपरस्टार, लोकप्रिय अभिनेत्री।खोज शुरू हुई। कई स्थापित अभिनेत्रियों ने कोशिश की, ऑडिशन दिए लेकिन बात नहीं बनी।
विद्या बालन नामक एक अभिनेत्री ने भी प्रयास किए।लेकिन सफलता नहीं मिली।फिर भी विद्या ने हार नहीं मानी। विद्या रोज़ निदेशक प्रदीप सरकार के ऑफिस पहुंच जाती।रोज़ ऑडिशन होता।रोज़ रिजेक्ट हो जाती। इस सिलसिले में तक़रीबन 75 बार विद्या बालन का रिजेक्शन हुआ।
एक रोज़ विद्या बालन को ब्रायन एडम्स का कंसर्ट अटेंड करना था। विद्या फ़िल्म परिणीता को लेकर नाउम्मीद हो चुकी थीं। उन्होंने एक आख़िर कोशिश की। प्रदीप सरकार को टेस्ट दिया और कंसर्ट के लिए निकल पड़ीं। विधु विनोद चोपड़ा आए तो प्रदीप सरकार ने उन्हें विद्या बालन की वीडियो फुटेज दिखाई।इस बार विधु विनोद चोपड़ा प्रभावित हो गए।उन्होंने कहा " बस, यही है परिणीता "।
प्रदीप सरकार ने विद्या को फोन किया लेकिन कंसर्ट के शोर में कुछ बातचीत नहीं हो सकी।तभी स्वानंद किरकिरे ने विद्या को मेसेज किया। विद्या का परिणीता के लिए सिलेक्शन हो गया था। मेसेज पढ़ते ही विद्या ज़मीन पर बैठ गईं और रोने लगीं। 75 बार रिजेक्ट होना बहुत बड़ी बात है।हिम्मत और ताक़त की ज़रूरत होती है इतना बड़ा रिजेक्शन झेलने के लिए। लेकिन विद्या ने न सिर्फ़ रिजेक्शन झेला बल्कि हिम्मत बनाए रखी।इसी की बदौलत आज विद्या बॉलीवुड की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में शामिल हैं।