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27 September 2022

जब यश चोपड़ा ने फिल्म बनाने के लिए सागर सरहदी की मदद की

हिन्दी सिनेमा के सफल लेखक और निर्देशक सागर सरहदी भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान से दिल्ली चले आए थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी।परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सागर सरहदी ने नौकरी शुरू की,मगर लेखन के प्रति अपने लगाव के कारण, वह ज़्यादा समय तक परिपाटी वाली ज़िंदगी न जी सके। तब उन्होंने मुंबई आकर फ़िल्मी दुनिया में क़िस्मत आज़माने का फैसला किया।

 

मुंबई में सागर सरहदी ने प्रगतिशील लेखक संघ और इप्टा से जुड़ने का निर्णय लिया। यहां उनकी मुलाक़ात कैफ़ी आज़मी,अली सरदार जाफरी,साहिर लुधयानवी,बलराज साहनी जैसे कलाकरों से हुई।इन बड़े कलाकारों के क्रांतिकारी विचारों और सोहबत का सागर सरहदी पर गहरा असर हुआ। 

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इस सब के बीच यश चोपड़ा ने एक दिन सागर सरहदी का लिखा नाटक “मिर्ज़ा साहेबा” देखा,जिससे प्रभावित होकर उन्होंने सागर सरहदी साहब को अपनी फ़िल्म “कभी – कभी” ऑफ़र कर दी।सागर सरहदी के लिए यह बड़ा अवसर था। उन्होंने फ़िल्म को पूरी शिद्दत से सँवारा। फिल्म "कभी कभी" अपने संवाद के लिए जानी गई। सागर सरहदी की पहचान एक रोमांटिक लेखक के रुप में बन गई। मगर इस कामयाबी और शोहरत के बीच, सागर सरहदी के मन में बसा हुआ विस्थापन का दर्द,हरे ज़ख्म की माफ़िक ताज़ा था।सो उन्होंने फ़िल्मी ग्लैमर को किनारे करते हुए,अपने दर्द और ग़ुस्से को बयां करने वाली फ़िल्म बनाने की ठानी। फिल्म का नाम रखा "बाजार"।

 

 

सागर सरहदी ने बतौर निर्माता – निर्देशक इस फ़िल्म की कहानी का निर्माण करने का फ़ैसला किया।हालाँकि यश चोपड़ा ने सागर सरहदी को यह पेशकश की कि वह फ़िल्म से प्रोड्यूसर के तौर पर जुड़ सकते हैं।मगर सागर सरहदी ने इस पेशकश को स्वीकार नहीं किया।इसकी वजह यह थी कि सागर सरहदी अपनी कहानी को अपनी तरह से कहना चाहते थे।किसी भी क़िस्म का दखल,उन्हें मंज़ूर नहीं था।वह जानते थे कि अगर यश चोपड़ा निर्माता बने तो ज़रूर कुछ न कुछ बदलाव की मांग करेंगे।इसलिए सागर सरहदी ने यश चोपड़ा को प्रोड्यूसर बनाने की जगह अपने दोस्तों से पैसे जुटाए और फ़िल्म का निर्माण शुरू किया। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि यश चोपड़ा ने सागर सरहदी की इस चाहत का सम्मान किया और उन्हें हर तरह से सहयोग किया। चाहे कैमरा मुहैया करवाना हो या अन्य ज़रूरते हों,यश चोपड़ा हर वक़्त सागर सरहदी के लिए मौजूद रहे। यश चोपड़ा की इसी सहयोग और सागर सरहदी के जुनून से फिल्म बाजार का निर्माण हुआ। बाजार बेहद कामयाब हुई और इसे हिन्दी सिनेमा की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में रखा गया। इस तरह यश चोपड़ा के सहयोग और मित्रवत व्यवहार से सागर सरहदी के फिल्म निर्माण का ख्वाब पूरा हुआ। 

 

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TAGS: Yash Chopra, Yash Chopra supported Sagar sarhadi in making his debut film baazaar, Bollywood, Hindi cinema, Sagar sarhadi, Entertainment Hindi films news
OUTLOOK 27 September, 2022
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