जब यश चोपड़ा ने फिल्म के पोस्टर्स देखकर चांदनी बनाने का निर्णय लिया
अस्सी के दशक के अंत में मशहूर निर्माता - निर्देशक यश चोपड़ा का फ़िल्मी करियर ढलान की ओर जा रहा था।इसकी बड़ी वजह ये थी कि उनकी " मशाल" ,"फ़ासले "और " विजय "जैसी बड़ी बजट की एक्शन फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ़्लॉप साबित हुई थीं।यश चोपड़ा इस बात से बेहद निराश हो गये थे।उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि किस तरह की फ़िल्में बनाई जाएं ,जिससे दर्शकों का वही प्यार उन्हें मिले, जो कुछ साल पहले तक उनको मिलता आ रहा था।
खैर, इसी कश्मकश भरे माहौल में यश चोपड़ा एक रात अपनी गाड़ी से ताज महल होटल जाने के लिए निकले। सफ़र के दौरान यश चोपड़ा के ज़ेहन में फ़िल्मों से सम्बंधित बातें घूम रही थीं।जब यश चोपड़ा की नज़र गाडी की खिड़की से बाहर गई तो उन्होंने देखा कि शहर की दीवारें, लैम्पपोस्ट ,बिल्डिंग्स फ़िल्म के पोस्टर्स से पटी हुई थीं।इन पोस्टरों पर गौर करने पर यश चोपड़ा ने एक समानता महसूस की।यश चोपड़ा ने पाया कि सभी पोस्टर ऐसी फिल्मों के थे, जिनमें हिंसा ,एक्शन ,स्टंट्स ,आक्रमकता भरी हुई थी। एक पल को यश चोपड़ा को ऐसा लगने लगा कि सारे के सारे पोस्टर खून से रंगे हुए हैं।
इन पोस्टरों को देखकर यश चोपड़ा को ये बात समझ में आ गई थी कि अचानक से फ़िल्म इंडस्ट्री में हिंसक एक्शन फ़िल्मों का चलन बढ़ गया है, जिनमें सिर्फ़ हथियार बदलते हैं ,कहानी और किरदार नहीं।यश चोपड़ा को महसूस हुआ कि अब वक़्त आ गया है कि इन वायलेंस वाली फ़िल्मों अंत हो। इसके साथ ही उस रात यश चोपड़ा ने एक क्लासिकल रोमांटिक फ़िल्म बनाने का फ़ैसला किया। यह फ़ैसला पूरा हुआ और बड़ी मेहनत और लगन से यश चोपड़ा ने श्रीदेवी, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना को लेकर फिल्म "चांदनी" का निर्माण किया। रोमांटिक फिल्म चांदनी बेहद कामयाब हुई और इस फिल्म से यश चोपड़ा का अच्छा समय लौट आया।