पुणे के बाद नागपुर में हुआ ‘इंदु सरकार’ का विरोध
दरअसल, कांग्रेसी नेताओं द्वारा ‘इंदु सरकार’ के विरोध को लेकर नागपुर में आयोजित मधुर भंडारकर की प्रेस कांफ्रेंस को भी रद्द कर दिया गया। इससे पहले 16 जुलाई यानि रविवार को पुणे में भी कांग्रेसी नेताओं के विरोध के चलते इस फिल्म की प्रेस कांफ्रेंस को रद्द कर दिया गया था।
आज नागपुर के पोर्टो होटल में आयोजित मधुर की प्रेस कांफ्रेंस सुबह दस बजे शुरू होनी थी, लेकिन इसके शुरु होने से पहले ही कांग्रेस के नेताओं का झुंड वहां पंहुचा और उसने मधुर तथा उनकी फिल्म के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
वहीं, फिल्म को लेकर विरोध कर रहे नेताओं ने चेतावनी दी कि ‘इंदु सरकार’ प्रमोशन के लिए मधुर भंडारकर अपनी टीम को लेकर जिस भी शहर में जाएंगे, वहां पार्टी के नेता उनका विरोध करेंगे। मधुर ने पुणे और नागपुर में विरोध के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के नाम सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर पूछा है कि उनसे अभिव्यक्ति की आजादी क्यों छीनी जा रही है। मधुर ने राहुल गांधी से ये भी सवाल किया कि क्या वे अपनी पार्टी के नेताओं की इस गुंडागंर्दी का समर्थन करते हैं? नागपुर पुलिस ने मधुर भंडारकर और फिल्म की टीम की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले ही कांग्रेसी नेताओं ने साफ कह दिया था कि वे मधुर को फिल्म की प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने देंगे। स्थिति गंभीर होने से पहले ही मधुर ने खुद प्रेस कांफ्रेस को रद्द करने की घोषणा कर दी। नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने के लिए मधुर ने ये फिल्म बनाई है।
साथ ही, साल 1975 के आपातकाल पर आधारित फिल्म ‘इंदु सरकार’ में दो किरदार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से मिलते जुलते गेटअप में हैं। मधुर का दावा है कि इमरजेंसी के बैकड्राप पर उनकी फिल्म की कहानी काल्पनिक है, जिसमें सिस्टम के खिलाफ पति-पत्नी के संघर्ष की दास्तान है।