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08 January 2020

जेएनयू हिंसा का विरोध, बड़े सितारों की चुप्पी के बीच दीपिका का साहसिक कदम

PTI

आमतौर पर राजनैतिक मुद्दों पर बड़े सितारे चुप्पी साध लेते हैं लेकिन अहम मुद्दों पर उन्हें अपना पक्ष रखना चाहिए। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण मंगलवार को जेएनयू में छात्रों को समर्थन देने पहुंची थीं। उनके इस कदम ने एक नई बहस जरूर छेड़ दी है। उनके चाहने वाले जहां दीपिका के इस कदम की प्रशंसा कर रहे हैं तो वहीं कुछ आलोचना करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। दीपिका के जेएनयू जाने के फैसले को लोकतांत्रिक अधिकारों के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है। विरोधियों का ऐसा मानना है कि वो इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली अपनी फिल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन के लिए वहां पहुंची थी। पादुकोण के जेएनयू जाने और छात्रों से मुलाकात को लेकर हर जगह तारीफ हो रही है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पद्मावत अभिनेत्री ने छात्रों का समर्थन कर साहसिक काम किया है। 

जब से दीपिका ने जेएनयू का दौरा किया है तब से लोग मेघना गुलजार की फिल्म छपाक के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं। यह जानते हुए कि यह फिल्म ज्वलंत सामाजिक मुद्दे एसिड अटैक पर बनी है। भले ही दीपिका का समर्थन करने के लिए लोगों को बड़ी संख्या में छपाक देखने के लिए सोशल मीडिया पर जवाबी कार्रवाई हुई हो, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि उन्होंने सोच समझकर कदम उठाया है।

जुड़ी रहती हैं रील और रियल भूमिकाएं 

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अगर दस प्रतिशत लोग छपाक का बहिष्कार करते हैं, तो यह बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं, हॉलीवुड में रॉबर्ट डी नीरो और मेरिल स्ट्रीप जैसे बड़े फिल्म सितारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। भारत में लोग आमतौर पर एक कलाकार की रील और रियल भूमिकाओं को अलग नहीं करते हैं। कई बार फिल्म को टारगेट किया जाता है क्योंकि एक अभिनेता या एक फिल्म निर्माता की राय विवादित मुद्दों से जुड़ी होती है।

विवादित मुद्दों पर चुकानी पड़ी है कीमत

यह इस वजह से ठीक है कि बॉलीवुड में, अधिकांश सितारे किसी भी विवादास्पद मुद्दों से जुड़े रहते हैं। उनमें से कुछ जिन्होंने पहले ऐसा करने की हिम्मत की है, उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी पड़ी। जब आमिर खान ने कुछ साल पहले सरदार सरोवर बांध मुद्दे के बारे में बात की थी, तो उनकी अगली रिलीज होने वाली फिल्म फना के खिलाफ पूरे गुजरात में विरोध प्रदर्शन हुए थे। आमिर और शाहरुख खान जैसे बड़े सितारों को भी कुछ समय पहले समाज में कथित असहिष्णुता के बारे में बात करने पर विरोध का सामना करना पड़ा था। इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से बॉलीवुड के दिग्गजों को बिना किसी डर के अपने मन की बात कहने से रोकती हैं। इसलिए, दीपिका के लिए यह सराहनीय है कि उन्होंने जेएनयू जाकर छात्रों के समर्थन का फैसला लिया, चाहे वह उसकी आने वाली फिल्म को नुकसान पहुंचाए या बढ़ावा दे। लोकतंत्र में, अगर हर बड़ी हस्ती या सामाजिक प्रभाव रखने वाले को चुप्पी साधने का निजी अधिकार है, तो उन्हें भी यह अधिकार है कि वे जब भी और जैसा भी महसूस करें, बोलें।

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TAGS: Brave, Deepika Padukone, Take, Stand, Mum, Word, Big, Bollywood, Stars
OUTLOOK 08 January, 2020
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