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03 May 2019

बुर्का पहनने पर बैन से आपत्ति नहीं, लेकिन घूंघट प्रथा पर भी लगे प्रतिबंध: जावेद अख्तर

File Photo

मशहूर गायक जावेद अख्तर ने कहा कि देश में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान में लोकसभा सीटों के लिए 6 मई को होने वाले मतदान से पहले घूंघट प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाए।

अभी हाल ही में महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना द्वारा देश में बुर्के पर प्रतिबंध की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर जावेद अख्तर ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'भैया, बुर्के पर मेरा नॉलेज बहुत कम है। इसकी वजह यह है कि जिस घर में मैं रहता हूं वहां कामकाजी महिलाएं थीं। मैंने तो कभी अपने घर में बुर्का देखा नहीं।'

उन्होंने कहा, 'इराक बड़ा कट्टर मुस्लिम देश है। लेकिन वहां पर औरतें चेहरे को कवर नहीं करती हैं।' वहीं, श्रीलंका में भी जो कानून आया है उसमें यह है कि आप चेहरा कवर नहीं कर सकते। बुर्का पहनो, लेकिन चेहरा ढका हुआ नहीं होना चाहिए। ये उन्होंने कानून में डाला है।'

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घूंघट भी हट जाए और बुर्का भी हट जाए, मुझे तो खुशी होगी’

जावेद ने आगे कहा, ‘यहां (भारत) पर अगर (बुर्के पहनने पर प्रतिबंध लगाने के लिए) कानून लाना चाहते हैं और अगर किसी की राय है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन इससे पहले कि राजस्थान में आखिरी मतदान हो जाए, इस (केन्द्र) सरकार को ऐलान करना पड़ेगा कि राजस्थान में कोई घूंघट नहीं लगा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि घूंघट भी हट जाए और बुर्का भी हट जाए। मुझे तो खुशी होगी।’

'प्रज्ञा के श्राप का उपयोग हाफिज पर हो'

जावेद अख्तर ने कहा कि यदि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के श्राप से देशभक्त अफसर शहीद हो सकता है तो मैं प्रधानमंत्री को सुझाव दूंगा कि इनके श्राप को हाफिज सईद पर इस्तेमाल करें। महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बारे में भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के बयान पर पूछे गए एक सवाल पर जावेद ने यह बता कही। उन्होंने कहा कहा कि इसका राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल करना चाहिए। इनके श्राप को हाफिज सईद और दूसरे आतंकियों पर इस्तेमाल करें। इससे आतंकवादी एक साथ खत्म हो जाएंगे।

चेहरे को ढंकना बंद होना चाहिए, फिर चाहे वह नकाब हो या घूंघट'

वहीं, शुक्रवार को जावेद अख्‍तर ने ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी। उन्‍होंने कहा, 'कुछ लोग मेरे बयान को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने यह कहा था कि श्रीलंका में भले ही यह सुरक्षा के लिहाज से किया गया हो लेकिन वास्‍तव में यह महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है। चेहरे को ढंकना बंद होना चाहिए, फिर चाहे वह नकाब हो या घूंघट।'

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TAGS: Javed Akhtar, You Want, Ban Burqa, 'Ghunghat', Should Go Too, Sadhvi Pragya Thakur, PM modi, Masood Azhar
OUTLOOK 03 May, 2019
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