DGP गुप्तेश्वर पांडे बिहार के नए ‘रॉबिनहुड’, बिग-बॉस 12 फाइनल कंटेस्टेंट दीपक ठाकुर के साथ गाने में आएंगे नजर
बिहार के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे राज्य के पुलिस महकमे की अगुवाई करने के साथ-साथ अब अपने नए अवतार “रॉबिनहुड” के रूप में नजर आने वाले हैं। म्यूजिक वीडियो एल्बम “रॉबिनहुड बिहार के” में बिग-बॉस सीजन-12 के फाइनल में पहुंचने वाले मुजफ्फरपुर के सिंगर दीपक ठाकुर और गुप्तेश्वर पांडे, दोनों नजर आएंगे। “डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे, रॉबिनहुड बिहार के” गाने को दीपक ने गाया और कंपोज किया है। इस गाने का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। दर्शकों का इंतजार 20 सितंबर तक खत्म हो जाएगा। वो दीपक ठाकुर के यूट्यूब चैनल "डीटी प्रोडक्शन" पर इस गाने को देख सकेंगे। इस गाने में गुप्तेश्वर पांडे भी दीपक के साथ एक्टिंग करते नजर आएंगे। इस बात की जानकारी दीपक ने आउटलुक से बातचीत में दी।
दीपक के यूट्यूब चैनल के इस वक्त दो लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। फिलहाल सिंगर दीपक ने अपने ट्विटर हैंडल से गाने का पोस्टर जारी किया है। जारी पोस्टर में गुप्तेश्वर पांडे एक सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि दीपक उनके ठीक पीछे झुक कर खड़े हैं।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे सोशल मीडिया के काफी चर्चित चेहरे हैं। फेसबुक पर उनके करीब 7 लाख और ट्वीटर पर अप्रैल 2020 में ज्वाइन करने के बाद अब तक करीब 2.5 लाख फॉलोअर्स है। लगातार वो राज्य की कानून-व्यवस्था और हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर सोशल-मीडिया पर वीडियो के जरिए टिप्पणी करते नजर आते हैं। वहीं, सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले के बाद से वो लगातार सुर्खियों में हैं। इससे पहले कई बार उन्हें जांच प्रक्रण से जुड़े तफ्तीश को लेकर भेष बदलकर जानकारी जुटाते देखा जा चुका है। सुशांत से जुड़े मामले की जांच के लिए जब बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई गई थी तो वो भेष बदलकर कई अभिनेता-अभिनेत्रियों से पूछताछ की थी। इस बात की जानकारी खुद गुप्तेश्वर पांडे ने दी थी। उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले डीजीपी बनाया गया था। इससे पहले वो मुंगेर और मुजफ्फरपुर जोन के डीआईजी रह चुके हैं। कई नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे हैं। नीतीश सरकार के शराब बंदी अभियान के वो ब्रांड-एम्बेस्डर भी हैं।
दीपक ठाकुर बताते हैं, “हम गुप्तेश्वर पांडे अंकल को 18 साल से जानते हैं। उन्होंने हीं मेरी स्कूल तक की पढ़ाई पूरी करवाई है। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। हमारा पुराना रिश्ता रहा है। ऐसे व्यक्ति का साथ होना गर्व की बात है। हर जरूरतमंद के साथ वो खड़े रहते हैं। सुशांत मामले में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। दवाब के बाद ही एजेंसी जांच कर रही है। बड़े पद पर होने के बाद भी उनके अंदर अहम नहीं है। जो उन्होंने बिहार के लिए किया है, उन्हीं शब्दों को हम संगीतवद्ध कर दर्शकों के लिए लेकर आ रहे हैं। सही मायने में वो बिहार के रॉबिनहुड हैं। तथ्यों को जुटाने के लिए कभी रिक्शा वाला, तो कभी भिखारी के रूप में हम सबने उन्हें देखा है।“
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बिहार के बक्सर जिले से आते हैं। राजनीति में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश की थी, लेकिन वो असफल रहें। दरअसल, कहा जाता है कि साल 2009 में वो बक्सर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। इसको लेकर पांडे ने इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन, उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया। सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी ने फिर से मैदान में उतार दिया था। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा यहां से हार गई थी।
उनका कार्यकाल साल 2021 के फरवरी महीने में खत्म होने वाला है। इससे पहले हीं इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि रिटायर होने के बाद वो राजनीति की तरफ रूख कर सकते हैं। हालांकि, ये अभी स्पष्ट नहीं है। दीपक कहते हैं, यदि वो राजनीति में आकर राज्य की सेवा करते हैं तो इससे सौभाग्य की बात क्या हो सकती है। उनके जैसे व्यक्ति की राजनीति को जरूरत है। हमारे यहां बहुत कम ऐसे नेता हैं जो पढ़े-लिखे हैं।