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14 July 2017

सेंसर बोर्ड को शोभा डे की चुनौती, कहा- ‘मैं बोलूंगीं गाय और गुजरात’

दरअसल, शोभा डे ने यह चुनौती हाल ही में सेंसर द्वारा एक डाक्यूमेंट्री में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के उस बयान में उन शब्दों को बीप करने की शर्त पर सीबीएफसी ने प्रमाणपत्र देने की बात कही थी, जिसमें ‘गुजरात’, ‘हिन्दू भारत’, ‘गाय’ और ‘भारत का हिंदुत्ववादी दृष्टिकोण’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। शोभा डे ने एनडीटीवी पर लिखे अपने एक ब्लॉग में कहा है कि उसका चाहे जो भी नाम हो मैं उसे खुला खत नहीं लिखने जा रही। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मैं गाय, दंगा, गुजरात, हिंदुत्व, हिंदू राष्ट्र जैसे शब्दों को बोलने का अधिकार अपने पास रखूंगी। और मेरा जब, जैसे, जहां और जिस क्रम में उन्हें बोलने का मन करेगा मैं बोलूंगी। क्या करोगे आप?’

अपने ब्लॉग में शोभा डे ने लिखा है, ‘भारतीय बहस करना पसंद करते हैं और हम हमेशा बहस करते हैं। हम छोटी मोटी अहमकाना बातों पर बहस करते हैं। ये हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और रहेगा। समझ गए ना, पहलाज जी? आप भी बहस करो। आपको किसने रोका है? बहसबाजी की संस्कृति की एक शानदार चीज है, लेकिन आजकल विलप्तप्राय है। उन्होंने लिखा कि जब अमर्त्य सेन ने ये बहसतलब किताब लिखी तो उम्मीद के अनुरूप ही उस पर काफी बहस हुई। किताब का मूल सार यही था!’ शोभा डे ने लिखा है कि कुछ लोग अमर्त्य सेन पर चाहे जो भी आरोप लगा लें वो इतिहास नहीं बदल सकते, खासकर पहलाज निहलानी।

गौरतलब है कि सीबीएफसी ने हाल ही में कोलकाता के एक अर्थशास्त्री सुमन घोष के डॉक्यूमेंट्री  ‘द आर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन’ में अमर्त्य सेन के बयान में ‘गुजरात’, ‘हिन्दू भारत’, ‘गाय’ और ‘भारत का हिंदुत्ववादी दृष्टिकोण’ जैसे शब्दों को बीप करने (हटाने) के लिए कहा। घोष ने इस शर्त के साथ अपनी फिल्म के प्रदर्शन से इनकार कर दिया। वहीं, अर्थशास्त्री अमर्त्य सेना ने मीडिया से कहा कि वो इस मुद्दे पर बहस करने के लिए तैयार हैं।

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TAGS: Shobhaa De, Challenge, Censor Board, said, I will say, cow and Gujarat
OUTLOOK 14 July, 2017
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