Advertisement
28 March 2019

निर्भया कांड के बहाने पुलिस की व्यथा और बहादुरी की कहानी सुनाती वेब सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’

लेखक-निर्देशक : रिची मेहता

कलाकार: शेफाली शाह, राजेश तैलंग, आदिल हुसैन, रसिका दुग्गल, जया भट्टाचार्य, मृदुल शर्मा

दिसंबर 2012 की वह भयावह घटना कौन भूल सकता है जब 23 वर्षीय युवती के साथ बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। लोगों के जहन में ‘निर्भया कांड’ के नाम से यह घटना आज भी दर्ज है। अब इस पर आधारित एक वेब सीरीज काफी चर्चा में है। 22 मार्च को नेटफ्लिक्स पर रिलीज सात एपीसोड वाली वेब सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ में इस दुष्कर्म से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू को दिखाने की कोशिश की गई है। खासतौर पर इसमें उस दौरान दिल्ली पुलिस को कैसे काम करना पड़ा था इसे बखूबी देखा जा सकता है। ‘दिल्ली क्राइम’ निर्भया केस की पुलिस पड़ताल की कहानी कहती है।

Advertisement

देश की राजधानी दिल्ली में जब यह घटना हुई थी तब लोगों के गुस्से के केन्द्र में दिल्ली पुलिस थी। दिल्ली पुलिस को काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी। लेकिन निर्देशक रिची मेहता की इस सीरीज में पुलिसिया कामकाज के सकारात्मक पक्ष को तरीके से उभारा गया है। दक्षिणी दिल्ली की तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) छाया शर्मा की भूमिका पर काफी जोर दिया गया है। दिल्ली क्राइम में उनका नाम वर्तिका चतुर्वेदी रखा गया है। वर्तिका चतुर्वेदी की भूमिका शेफाली शाह ने निभाई है।

भारत में पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना सामान्य है, खासकर जब यौन अपराधों को लेकर मामला दर्ज कराना हो। नवंबर 2017 में प्रकाशित ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में पाया गया कि यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने की कोशिश कर रहे कई पीड़ितों की शिकायतें पुलिस ने दर्ज करने से इनकार कर दिया साथ ही अभी भी पुलिस द्वारा उन्हें अपमानित किया जा रहा है।

यह सीरीज इस घटना की तफ्तीश के बहाने कई स्तरों में पुलिस का मानवीय चेहरा पेश करती है। वर्तिका चतुर्वेदी की अगुवाई में जांच कर रही पुलिस टीम को कई दिनों तक अपने घर जाने की भी फुर्सत नहीं मिलती। कम वेतन, अपर्याप्त फंड, छुट्टी की कमी, फोरेंसिक एक्सपर्ट की कमी जैसी खामियों के बाद भी पुलिस अपने काम में जुटी रहती है।

‘दिल्ली क्राइम’ में बलात्कारियों को दिल्ली से लेकर उत्तरप्रदेश, राजस्थान, बिहार और झारखंड जाकर पकड़ने के वाकये को तरीके से पेश किया गया है। इस दौरान पुलिसवालों के निजी और पेशेवर जीवन को करीब से देखा जा सकता है।

हालांकि सीरीज देखते वक्त कई दफे यह भी लगता है कि केवल पुलिस का पक्ष दिखाने के चक्कर में अन्य सभी पात्र पीड़ित के परिजन, मीडिया राजनेता और नागरिक समाज को गौंड मान लिया गया है। जबकि तथ्य यह भी है कि 2012 में जनाक्रोश की वजह से सरकार से लेकर दिल्ली पुलिस पर बलात्कारियों को फौरन पकड़ने का जबर्दस्त दबाव पड़ा था। अदालत को भी जल्द फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। लिहाजा बलात्कार से जुड़े कानूनों को मजबूती भी मिली।

इस पूरे सीरीज में दूसरा दमदार किरदार अपराधी ड्रायवर जय सिंह (राम सिंह असली नाम) का है। जिसने तिहाड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसकी भूमिका मृदुल शर्मा ने निभाई है। जय सिंह की वह बात आखिरी तक झकझोरती है जब वह बेफिक्री के साथ कहता है कि उसे अपने किए पर पछतावा नहीं है। इसके पीछे जय सिंह जो वजह बताता है वह वाकई सोचने पर मजबूर करता है। वर्तिका चतुर्वेदी और निर्भया के बाद जय सिंह का कैरेक्टर आपको लंबे वक्त तक याद रह सकता है। 

इससे पहले निर्भया कांड के दोषियों और उसके माता-पिता से बातचीत के आधार पर प्रोड्यूसर लेस्ली उडविन ने एक डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर’  भी बनाई थी। जिसमें जेल के अंदर से दोषियों के बयान रिकॉर्ड किए गए थे। हालांकि, बाद में इस डॉक्यूमेंट्री पर काफी विवाद हुआ और भारत में रिलीज पर रोक लगा दी गई थी। इसमें इस घटना के सामाजिक पक्ष पर जोर दिया गया था। इसमें पुलिस की भूमिका काफी हद तक नदारद थी।

दिल्ली क्राइम में पुलिस का नजरिया हावी होने के बावजूद आप इस सीरीज को आखिरी तक देख कर ही दम लेंगे। निर्देशक रिची मेहता की मेहनत पटकथा की सूक्ष्मता में दिखाई देती है। देश के ज्यादातर लोग इस घटना से प्रभावित रहे हैं ऐसे में इस वेब सीरीज का प्रभाव मानवीय संवेदना की गहराई तक जाने में सफल मालूम पड़ता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Netflix, Delhi Crime, Based on Nirbhaya gang rape case, outlook hindi Review, Akshay Dubey Saathi, Mridul Sharma, Richie Mehta, Shefali Shah, Rasika Dugal, Adil Hussain, Rajesh Tailang, IPS Chhaya Sharma, Delhi Police, मृदुल शर्मा, रिची मेहता, दिल्ली क्राइम, समीक्षा
OUTLOOK 28 March, 2019
Advertisement