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09 July 2025

2020 दिल्ली दंगे: पुलिस का दावा- देश को बांटने की थी साजिश, जमानत का विरोध

PTI

दिल्ली पुलिस ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों को देश को धार्मिक आधार पर बांटने और वैश्विक स्तर पर बदनाम करने की सुनियोजित साजिश बताया है। बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने छात्र कार्यकर्ताओं गुलफिशा फातिमा, शरजील इमाम, उमर खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी की जमानत याचिकाओं का विरोध किया। मेहता ने कहा कि यह सामान्य दंगे नहीं थे, बल्कि देश को तोड़ने की साजिश थी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि ऐसे मामलों में जमानत नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि आरोपी बरी या दोषी साबित न हो जाए।

फरवरी 2020 में हुए इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उसने 58 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए हैं। इन दंगों से संबंधित साजिश के मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिकाएं 2022 से हाई कोर्ट में लंबित हैं। पुलिस ने इसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया है और कहा कि यह साजिश पहले से तैयार थी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की जमानत याचिका पर भी चर्चा हुई। उनके वकील महमूद प्राचा ने कहा कि अहमद 24 जून 2020 से जेल में हैं और पांच साल बाद भी मुकदमे में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि सह-आरोपी देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को 2021 में देरी के आधार पर जमानत मिल चुकी है। लेकिन विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मुकदमे में देरी के लिए अभियोजन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि कई बार आरोपियों के अनुरोध पर सुनवाई टली है।ल

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दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला देश में सांप्रदायिक हिंसा और कानूनी प्रक्रिया की जटिलताओं को उजागर करता है।

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TAGS: 2020 Delhi riots, UAPA, Sharjeel Imam, Umar Khalid, Gulfisha Fatima, Khalid Saifi, Delhi Police, conspiracy, bail plea, Delhi High Court
OUTLOOK 09 July, 2025
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