पैगंबर विवाद: रांची में पुलिस ने दी ढील, 33 घंटे बाद इंटरनेट बहाल
झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को तनाव व्याप्त हो गया, क्योंकि पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणियों पर हिंसक विरोध के मद्देनजर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि करीब 33 घंटे बाद जिले में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गयीं।
शुक्रवार की नमाज के बाद शहर में विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के दौरान रांची के संवेदनशील इलाकों में करीब 2,500 पुलिस कर्मी पहरे पर हैं, जहां दो लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रदर्शनकारी भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के लिए गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और ऑपरेशन आईजी अमोल वी होमकर ने बताया, "आठ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और पुलिस टीम मामले की जांच कर रही है। हमने कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मामले की जांच की जा रही है।" होमकर ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए हजारीबाग और रामगढ़ जिलों के अलावा रांची जिले के सुखदेव नगर, लोअर बाजार, डेली मार्केट और हिंदपीडी समेत 12 थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 10,000 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
स्थिति के बारे में अधिक जानकारी के लिए राज्य के कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों को बार-बार कॉल करने का कोई जवाब नहीं मिला। डेली मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद हाजी हासिम ने पीटीआई को बताया कि करीब 1,100 दुकानें बंद हैं। इस बीच, रांची जिले में एहतियात के तौर पर शुक्रवार शाम सात बजे से बंद की गई इंटरनेट सेवाएं 33 घंटे बाद फिर से शुरू हो गईं।