कार्लसन को हराने के बाद डी. गुकेश ने कहा- "99 में से 100 बार मैं हारता, आज मेरा भाग्यशाली दिन"
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे दौर में इतिहास रच दिया जब उन्होंने दुनिया के पूर्व नंबर-1 और दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल मुकाबले में हराया। यह गुकेश की क्लासिकल शतरंज में कार्लसन के खिलाफ पहली जीत है और शतरंज की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मैच के बाद गुकेश ने बेहद विनम्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "99 में से 100 बार मैं मैग्नस से हारता, आज मेरा भाग्यशाली दिन था।" उनकी यह विनम्रता और आत्मचिंतन की भावना ने खेलप्रेमियों का दिल जीत लिया।
मैच के दौरान कार्लसन समय संकट में थे और उन्होंने एक चूक कर दी, जिसका फायदा गुकेश ने उठाया। जैसे ही खेल समाप्त हुआ, कार्लसन ने मेज पर गुस्से में हाथ मारा और बिना हाथ मिलाए बाहर चले गए, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी खेल भावना को लेकर बहस छिड़ गई। वहीं, गुकेश की संयमित प्रतिक्रिया और सौम्यता ने दिग्गजों की सराहना बटोरी। शतरंज की ग्रैंडमास्टर सुसान पोल्गर ने ट्वीट किया, "गुकेश ने दिखा दिया कि सच्चा चैंपियन जीत के बाद भी विनम्र रहता है।"
इस जीत के साथ गुकेश टूर्नामेंट की अंकतालिका में तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं, जबकि मैग्नस कार्लसन और फाबियानो कारुआना संयुक्त रूप से पहले स्थान पर बने हुए हैं। गुकेश की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके करियर के लिए मील का पत्थर है, बल्कि यह भारतीय शतरंज के उभरते युग की भी प्रतीक है। कम उम्र में विश्व चैंपियन बनने वाले इस खिलाड़ी का यह सफर आने वाले वर्षों में भारत को और कई गौरव दिला सकता है।