बहरीन में बोले आनंद कुमार, ऑनलाइन शिक्षा काफी नहीं; अभी भी इनोवेशन की है जरूरत
'सुपर 30' शिक्षण संस्थान के संस्थापक आनंद कुमार ने रविवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए हैं और दुनिया भर के लाखों छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा को अब भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
बहरीन के इंडियन स्कूल में, महामारी के बाद की दुनिया में शिक्षा के भविष्य विषय पर आयोजित 'सलाम बहरीन' कार्यक्रम में कुमार ने कहा कि दुनिया भर में खासकर पढ़ाई करने वाले युवाओं पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव विनाशकारी पड़ा है।
कुमार ने कहा कि कोविड -19 महामारी का प्रभाव दुनिया भर में विनाशकारी था, खासकर शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं के दिमाग पर। उन्होंने कहा, “हम नहीं जानते कि यह महामारी कब खत्म होगी और इस तरह की एक और महामारी कब आ जाएगी। इसलिए, हमें तैयार रहना होगा, क्योंकि छात्रों को इतनी लंबी अवधि तक शिक्षा से दूर नहीं रखा जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि कोविड -19 से उपजे स्थिति ने ऑनलाइन शिक्षा की मांग की लेकिन हम स्पष्ट सामाजिक-आर्थिक असमानताओं के कारण इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे। कुमार ने कहा कि आगे ऑनलाइन शिक्षा की मांग बढ़ेगी तो अच्छे शिक्षकों का मूल्य भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण से अच्छे शिक्षकों की मांग बढ़ेगी और वह और सुलभ होंगे। शिक्षण का अंतिम उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र कितना अवशोषित करने में सक्षम हैं। यह वह जगह है जहां अधिक वैज्ञानिक नवाचारों की भूमिका आएगी और शोधकर्ता इसे छात्रों के लिए अधिक से अधिक अवशोषित करने पर काम कर रहे हैं।
उनके अनुसार, जिस तरह एक फिल्म दर्शकों को पूरी तरह से लीन रखती है, उसी तरह कक्षाओं को भी उन्हें मनोरंजक बनाकर ऐसा करने की जरूरत है।
कुमार ने कहा कि जापान और अन्य उन्नत देशों के वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन शिक्षा को अधिक ग्रहणशील और अवशोषित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, "शिक्षकों की भूमिका कम नहीं होगी; बल्कि ऑनलाइन शिक्षा इसकी पूरक होगी जिससे छात्रों को हर संभव तरीके से मदद मिलेगी।