डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना का कैप्टन शहीद, चार आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार को जारी एक अभियान के दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन शहीद हो गए। माना जा रहा है कि मुठभेड़ में चार आतंकवादी भी मारे गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हुई इस मुठभेड़ में एक नागरिक भी घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि शिवगढ़-अस्सार पट्टी में छिपे विदेशी आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षाबलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर संयुक्त तलाश अभियान शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से चार बैग मिले हैं जिनमें खून लगा है। इससे यह समझा जा रहा है कि मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही वहां से एम-4 कार्बाइन भी बरामद की गई हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आनंद जैन ने अपराह्न करीब दो बजे संवाददाताओं को बताया कि इलाके में अभियान अब भी जारी है। सेना ने अधिकारी की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि सेना शोक संतप्त परिवार के साथ है।
सेना ने कहा कि ‘व्हाइट नाइट कोर’ के सभी रैंक बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि कल शाम सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी के बाद आतंकवादी उधमपुर जिले के पटनीटॉप के पास के जंगल से डोडा में घुस आए।
अधिकारियों के अनुसार उधमपुर में मंगलवार शाम करीब छह बजे सुरक्षाबलों को आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चला था। आधे घंटे बाद उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने रातभर में इलाके को चारों ओर से घेर लिया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आज सुबह फिर से तलाश अभियान शुरू किया। आज सुबह करीब 7.30 बजे पुन: आतंकवादियों और जवानों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।
सुरक्षा बलों ने रविवार को भी दो मुठभेड़ों में आतंकवादियों को ढेर कर दिया। एक किश्तवाड़ के नौनट्टा के सुदूर वन क्षेत्रों में और दूसरा उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में। इन मुठभेड़ों के बाद आतंकवादी डोडा की पहाड़ियों में भाग गए। डोडा जिले के गंडोह इलाके में 26 जून को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे। इन आतंकवादियों के पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े होने का संदेह है।
और इस दौरान घने जंगल वाले इलाके में उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से चार बैग मिले हैं जिनमें खून लगा है। इससे यह समझा जा रहा है कि मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही वहां से एम-4 कार्बाइन भी बरामद की गई हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आनंद जैन ने अपराह्न करीब दो बजे संवाददाताओं को बताया कि इलाके में अभियान अब भी जारी है।
सेना ने अधिकारी की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि सेना शोक संतप्त परिवार के साथ है। सेना ने कहा कि ‘व्हाइट नाइट कोर’ के सभी रैंक बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि कल शाम सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी के बाद आतंकवादी उधमपुर जिले के पटनीटॉप के पास के जंगल से डोडा में घुस आए।
अधिकारियों के अनुसार उधमपुर में मंगलवार शाम करीब छह बजे सुरक्षाबलों को आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चला था। आधे घंटे बाद उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने रातभर में इलाके को चारों ओर से घेर लिया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आज सुबह फिर से तलाश अभियान शुरू किया। आज सुबह करीब 7.30 बजे पुन: आतंकवादियों और जवानों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।
सुरक्षा बलों ने रविवार को भी दो मुठभेड़ों में आतंकवादियों को ढेर कर दिया। एक किश्तवाड़ के नौनट्टा के सुदूर वन क्षेत्रों में और दूसरा उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में। इन मुठभेड़ों के बाद आतंकवादी डोडा की पहाड़ियों में भाग गए। डोडा जिले के गंडोह इलाके में 26 जून को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे। इन आतंकवादियों के पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े होने का संदेह है।