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16 July 2025

बांग्लादेश: सत्यजित राय के पुश्तैनी घर का तोड़फोड़ रुका: भारत की पहल से धरोहर बची

Dhaka tribune

बांग्लादेश के मायमन्सिंह में प्रख्यात फिल्मकार सत्यजित राय के पुश्तैनी घर का ध्वंस 16 जुलाई 2025 को भारत सरकार की पहल के बाद रोक दिया गया। भारत ने इस ऐतिहासिक इमारत को साहित्य संग्रहालय में बदलने की पेशकश की थी। यह घर, जो सत्यजित राय के दादा और प्रसिद्ध साहित्यकार उपेंद्र किशोर राय चौधरी का था, ढाका के हरिकिशोर राय चौधरी रोड पर स्थित है। यह सदी पुरानी इमारत बांग्ला सांस्कृतिक पुनर्जनन का प्रतीक है और भारत के पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले उपेंद्र किशोर के कविताओं और कहानियों से जुड़ी है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने 15 जुलाई को बयान जारी कर ध्वंस पर गहरी चिंता जताई और कहा, “यह इमारत, जो बांग्लादेश सरकार के स्वामित्व में है, जर्जर हालत में है। इसे ध्वंस करने के बजाय साहित्य संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्माण करना बांग्ला संस्कृति के लिए बेहतर होगा।” भारत ने मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए सहयोग की पेशकश की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे “दिल दहलाने वाली” घटना बताकर बांग्लादेश और भारत सरकार से संरक्षण की अपील की।

बांग्लादेश के समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ के अनुसार, यह घर 1989 से मायमन्सिंह शिशु अकादमी के रूप में इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन 2007 से यह परित्यक्त और जर्जर था। ध्वंस का मकसद नई अर्ध-कंक्रीट इमारत बनाना था। स्थानीय लोगों और पुरातत्व विभाग की सलाहकार सबीना यास्मीन ने इसे पुरातात्विक धरोहर बताकर संरक्षण की मांग की थी।

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X पर लोगों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और मुहम्मद यूनुस पर सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का आरोप लगाया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे “इतिहास का विनाश” बताया। हालांकि, स्थानीय कार्यकर्ताओं और भारत की अपील के बाद ध्वंस रुक गया, जो बांग्ला संस्कृति के लिए साझा जीत है।

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TAGS: satyajit ray, ancestral house, mymensingh, bangladesh, literature museum, bengali regeneration, government of india, mamata banerjee
OUTLOOK 16 July, 2025
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