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28 April 2022

भीमा कोरेगांव हिंसा: जांच पैनल ने शरद पवार को किया तलब, बयान दर्ज करने का दिया निर्देश

भीमा कोरेगांव जांच आयोग ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक युद्ध स्मारक पर जनवरी 2018 में हुई हिंसा के संबंध में अपना बयान दर्ज करने के लिए पांच और छह मई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। पैनल के वकील आशीष सतपुते ने इस बात की जानकारी दी।
        
पैनल ने इससे पहले 2020 में पवार को तलब किया था, लेकिन वह लॉकडाउन के कारण इसके सामने पेश नहीं हो सके। बाद में, पवार को इस साल 23 और 24 फरवरी को आयोग के सामने पेश होने के लिए एक और समन जारी किया गया था, लेकिन वरिष्ठ राजनेता ने यह कहते हुए एक नई तारीख मांगी थी कि वह अपनी गवाही दर्ज करने से पहले एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं।

बता दें कि फरवरी 2020 में, सामाजिक समूह विवेक विचार मंच के सदस्य सागर शिंदे ने आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर किया, जिसमें 2018 की जातिगत हिंसा के बारे में मीडिया में उनके द्वारा दिए गए कुछ बयानों के मद्देनजर पवार को तलब करने की मांग की गई थी। दो सदस्यीय जांच आयोग में कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक शामिल हैं।
        
गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2018 को कोरेगांव-भीमा की 1818 की लड़ाई की द्विशताब्दी वर्षगांठ के दौरान पुणे जिले में युद्ध स्मारक के पास जाति समूहों के बीच हिंसा हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 पुलिस कर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे।
        
पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित 'एल्गार परिषद सम्मेलन' में "भड़काऊ" भाषणों से कोरेगांव-भीमा के पास हिंसा हुई। पुलिस ने दावा किया कि एल्गार परिषद सम्मेलन के आयोजकों के माओवादियों से संबंध थे। 

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TAGS: Bhima Koregaon violence, Investigation, Elgar Parishad, Sharad Pawar, Pune Police
OUTLOOK 28 April, 2022
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